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Rupauli by-election: न लालू न नीतीश, आखिर एक निर्दलीय कैसे बन गया बाजीगर, जानें आखिरी वक्त में कहां हुआ खेला?

Rupauli by-election: रुपौली सीट एनडीए और ‘इंडिया’ दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थीं।

पटनाJul 13, 2024 / 05:11 pm

Prashant Tiwari

बिहार की एकमात्र रुपौली सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। उन्होंने एनडीए-जदयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को आठ हजार से ज्यादा वोटों से हराया। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान बीमा भारती का हुआ है। बीमा भारती ही यहां से पहले जेडीयू की विधायक थी। लेकिन बाद में वह आरजेडी में शामिल हो गईं, जिसके बाद सीट खाली हो गईं। बीमा भारती ने पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
न लालू न नीतीश, निर्दलीय बन गया बाजीगर

सभी 13 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद शंकर सिंह को 68,070 वोट मिले, जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 वोट मिले और वह 8,246 मतों से हार गये। राजद की प्रत्याशी और पूर्व विधायक बीमा भारती को सिर्फ 30,619 मत मिले। मतगणना के दौरान छह राउंड तक जदयू के प्रत्याशी कलाधर मंडल ने बढ़त बनाकर रखी, लेकिन सातवें राउंड की गिनती में निर्दलीय शंकर सिंह आगे निकल गये और अंत तक इसे कायम रखा। बीमा भारती शुरू से ही काफी पीछे रहीं। इस चुनाव में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में थे।
नाक की लड़ाई बन गया था चुनाव

Neither Lalu nor Nitish how Shankar Singh became winner Rupauli assembly by-election
रुपौली सीट एनडीए और ‘इंडिया’ दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी थीं। यही कारण है कि जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान सहित एनडीए के कई बड़े नेताओं ने प्रचार किया था, जबकि राजद प्रत्याशी बीमा भारती के पक्ष में प्रचार करने तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे।
Neither Lalu nor Nitish how Shankar Singh became winner Rupauli assembly by-election
लोजपा से इस्तीफा देकर लड़ा उपचुनाव

पिछले चुनाव में जदयू की प्रत्याशी के तौर पर बीमा भारती यहां से विजयी हुई थीं। लोकसभा चुनाव के समय वह राजद में चली गईं और पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। लोजपा (रामविलास) के नेता शंकर सिंह पार्टी से इस्तीफा देकर इस चुनाव में बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे थे।
मैं राजनीति नहीं सेवा करता हूं-शंकर

बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव में विजयी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह का कहना है कि यह जीत जनता की जीत है। जनता ने दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। उपचुनाव में मिली जीत से खुश शंकर सिंह ने कहा कि वे 30 सालों से जनता के बीच राजनीति नहीं, उनकी सेवा कर रहे हैं। मैं राजनीति नहीं सेवा करता हूं।
मैंने जाति की नहीं जमात की राजनीति की

जाति समीकरण से जुड़े हुए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी जाति की राजनीति नहीं की, जमात की राजनीति की। मुझे जीत को लेकर पूरा विश्वास था। छह चक्र तक की मतगणना में भले पीछे था, लेकिन मैं जानता था कि मेरी जीत होगी। पक्ष और विपक्ष द्वारा पूरा जोर लगाए जाने के बाद भी जीत से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पक्ष विपक्ष नहीं होता। इससे कोई लेना -देना नहीं, जनता मेरे लिए सबकुछ है।
2005 में बन चुके हैं विधायक

पूर्व विधायक शंकर सिंह फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी, हालांकि नवंबर 2005 के चुनाव में वे हार गए थे। बताया जाता है कि दबंग छवि वाले सिंह का बीमा भारती के बाहुबली पति अवधेश मंडल के वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है। इस चुनाव से पहले वे लोजपा (रामविलास) से इस्तीफा देकर बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए।
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