‘अडानी को बचा रही है मोदी सरकार’
कांग्रेस नेत्री सुप्रिया ने कहा कि अडानी को बचाने के लिए बीजेपी और मोदी सरकार जॉर्ज सोरोस के नाम पर स्वांग रच रही है। कांग्रेस नेत्री ने सवालिया अंदाज में कहा कि इसलिए आज जॉर्ज सोरोस को लेकर मोदी सरकार से कांग्रेस के कुछ सवाल है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि जॉर्ज सोरोस नाम का आदमी अगर भारत विरोधी गतिविधियां कर रहा है, तो आप उसका धंधा-पानी भारत में बंद क्यों नहीं करवाते? दूसरा सवाल करते हुए कहा कि मोदी सरकार आदेश देकर जॉर्ज सोरोस के सारे बिजनेस और फंडिंग पर रोक क्यों नहीं लगवाती है? तीसरा सवाल पूछा कि अमेरिका की सरकार को क्यों नहीं लिखते कि जॉर्ज सोरोस हमारे देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल है, उसका प्रत्यार्पण हो, हम उसके खिलाफ भारत में एक्शन लेंगे।
कांग्रेस ने लगाए ये बड़े आरोप
उन्होंने आगे कहा कि जॉर्ज सोरोस का 1999 में हिंदुस्तान आना हुआ। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम थे, तब वे स्कॉलरशिप और फेलोशिप जैसी चीजें दिया करते थे। 2014 से जॉर्ज सोरोस ने ग्रांट प्रोग्राम शुरू किया। जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसायटी के सोरोस इकॉनॉमिक डेवलेपमेंट फंड (SEDF) के दो बड़े इंवेस्टमेंट हैं- SONG फंड और Aspada । Aspada ने करीब 90 मिलियन डॉलर छोटे उद्योगों, किसानों और स्टार्ट अप में इंवेस्ट किए। लेकिन Aspada ने एक बड़ा पैसा दो कंपनियों को दिया, जिनके नाम हैं- Neo Growth और Capital Float। Capital Float के फांउडर गौरव हिंदुजा और शशांक ऋष्यशृंगा ने करीब 300 मिलियन डॉलर की फंडिंग 40 हजार छोटे उद्योगों, किसानों और स्टार्टअप में की है। ये दोनों व्यक्ति गौरव हिंदुजा और शशांक ऋष्यशृंगा, नरेंद्र मोदी जी के प्रबल समर्थक हैं, जो उनके साथ मंच साझा करते रहते हैं। नरेंद्र मोदी के करीबी ये दोनों व्यक्ति जॉर्ज सोरोस के पैसे से पोषित फंड चलाते हैं। अगर जॉर्ज सोरोस देश विरोधी काम कर रहा है तो नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्तियों के साथ मंच साझा क्यों कर रहे हैं?
‘BJP को फेक न्यूज का सहारा है’
कांग्रेस नेत्री ने कहा BJP को सिर्फ फेक न्यूज का ही सहारा है। जब BJP के लोगों ने जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर फ्रेंच मीडिया कंपनी Mediapart का हवाला दिया, तो इससे Mediapart ने ही इंकार कर दिया। Mediapart ने BJP से कहा- आप हमारे नाम पर फेक न्यूज मत फैलाइए, हमने ऐसा कोई आर्टिकल नहीं छापा है। वहीं अगर Mediapart, BJP के लिए इतना विश्वसनीय है, तो Rafale के खुलासे के समय वे इसका विरोध क्यों कर रहे थे? ये ठीक वैसा ही है जैसे अडानी को बचाने कि लिए BJP ने अमेरिका पर भी मनगढ़ंत आरोप लगा दिया, तब अमेरिका ने भी साफ कर दिया कि हमने कुछ नहीं किया है।