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Moody’s Report : पानी की कमी से देश में सामाजिक अशांति का खतरा…और बढ़ेगी महंगाई, घट जाएगी आय

What is Moody’s Water Report : मूडीज ने चेतावनी दी है कि कृषि, उद्योग पर संकट के आसार हैं। घटते पानी से देश में सामाजिक अशांति का खतरा हो सकता है। इसके साथ ही आय घट सकती है और महंगाई बढ़ सकती है।

नई दिल्लीJun 26, 2024 / 09:09 am

Anand Mani Tripathi

What is Moody’s Water Report : भारत में पानी की बढ़ती कमी कृषि और उद्योग क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है। इससे खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि और आय में गिरावट के कारण सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि जल आपूर्ति में कमी कोयला, बिजली और इस्पात उत्पादन जैसे क्षेत्रों की ऋण क्षमता के लिए हानिकारक हो सकती है, जो भारी मात्रा में जल का उपभोग करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक तेज औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण सबसे ज्यादा आबादी वाले भारत में पानी की उपलब्धता कम हो जाएगी। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव तेजी से बढऩे के कारण भी जल संकट गहरा रहा है। सूखा, लू, बाढ़ जैसी जलवायु संबंधी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में जल संकट राजनीतिक मुद्दा बन गया है।

भारत में घट गई औसत जल उपलब्धता

जल संसाधन मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए मूडीज ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति औसत सालाना जल उपलब्धता 2031 तक घटकर 1,367 क्यूबिक मीटर रह जाने के आसार है। यह 2021 में 1,486 क्यूबिक मीटर थी। मंत्रालय के मुताबिक 1,700 क्यूबिक मीटर से कम का स्तर जल संकट को दर्शाता है।

तेज गर्मी से जलापूर्ति पर प्रतिकूल असर

रिपोर्ट के मुताबिक इस बार जून में तेज गर्मी के दौरान दिल्ली और उत्तर भारतीय राज्यों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया। इससे पानी की सप्लाई पर प्रतिकूल असर पड़ा। आर्थिक विकास, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण से पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है। भारत में मानसून के दौरान होने वाली औसत बारिश लगातार कम हो रही है।

हिंद महासागर का बढ़ा तापमान

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी के मुताबिक 1950 से हिंद महासागर का तापमान बढऩे से भारत में बारिश का औसत घटा है। सूखे की हालत पहले से ज्यादा गंभीर होती जा रही है। देश में 1971 से 2020 के औसत के मुकाबले 2023 में मानसून की बारिश छह फीसदी कम रही। खासतौर पर अगस्त 2023 में काफी कम बारिश हुई। भारत में हर साल मानसून की 70 फीसदी बारिश जून से सितंबर के बीच होती है।

वाटर मैनेजमेंट में ज्यादा निवेश करने की जरूरत

रिपोर्ट में कहा गया कि वाटर मैनेजमेंट में बड़े पैमाने पर निवेश कर पानी की कमी के संभावित खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। सरकार वाटर इंफ्रास्ट्रक्टर में निवेश कर रही है। रिन्यूएबल एनर्जी के विकास के लिए भी कोशिश की जा रही है। ये कोशिशें लंबी अवधि में वाटर मैनेजमेंट में सुधार कर जल संकट के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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