इस साल मॉनसून ने रेमल चक्रवात के कारण तेजी से शुरुआत की थी, और कहा जा रहा था कि यह दो दिन पहले ही आ गया था। लेकिन 10 जून के आते-आते मॉनसून की प्रगति धीमी हो गई। सामान्यतः, जून से सितंबर तक मॉनसून की दो शाखाएं सक्रिय रहती हैं: एक बंगाल की खाड़ी से और दूसरी अरब सागर से। मौसम विभाग का कहना है कि भले ही बंगाल की खाड़ी से आने वाली शाखा धीमी हो गई है, लेकिन अरब सागर से आने वाली मॉनसूनी हवाएं अपनी गति बनाए हुए हैं।
इन राज्यों में हो रही बारिश
कई राज्यों में इस समय मॉनसूनी बारिश हो रही है, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाके शामिल हैं। हालांकि, उत्तर भारत के लिए मॉनसून की पूर्वी शाखा का ज्यादा महत्व है। इसके कमजोर पड़ने के कारण ही उत्तर में बारिश की कमी देखी जा रही है। सर्दियों से लेकर मई-जून तक उत्तर भारत में बारिश बेहद कम हुई है, जबकि दक्षिणी राज्यों में अधिक बारिश हो रही है। पूर्वोत्तर में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों में बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके बाद यह बारिश यूपी और बिहार की ओर बढ़ेगी। फिलहाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा में लू का अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिमी हवाओं के चलते हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर के अन्य इलाकों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। दिल्ली तक मॉनसून पहुंचने में 30 जून तक का समय लग सकता है।