डॉक्टर बनान चाहते थे खट्टर
ऐसा कहा जाता है कि मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन घर की हालत को देखते हुए उनके पिता चाहते थे कि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही खेती करें। मनोहर लाल के कुल 5 भाई थे। अपने सभी भाईयों में वे सबसे बड़े थे। इसलिए परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियों को बोझ भी उनके उपर था। उनके पिता नहीं चाहते थे की मनोहर लाल ज्यादा पढ़े, वह खेती में हाथ बटाए।
रोहतक के निंदाना गांव में हुआ था जन्म
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 में पंजाब के रोहतक जिले की महम तहसील के निंदाना गांव में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। मनोहर लाल खट्टर की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही आनंदपुर हाईस्कूल से हुई। ऐसा कहा जाता है कि वो गणित में बहुत अच्छे थे।
10वीं के बाद पढ़ाई करने वाले परिवार के पहले सदस्य
अपने पिता को शिक्षा के महत्त्व के बारे में बताकर रोहतक के नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया। बता दें कि वह परिवार के एकमात्र पहले ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने दसवीं के बाद पढ़ाई की। मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरी की।
दिल्ली के सदर बाजार में चलाते थे दुकान
वह अपने रिश्तेदारों दिल्ली में रहने लगा, जो सदर बाजार में कपड़े का काम करते थे। अपने रिश्तेदारों को देखकर उन्होंने सोचा कि डॉक्टर बनने में 7 से 9 साल लग जाएंगे। इससे अच्छा है कि अपना बिजनेस शुरू करना चाहिए। उन्होंने पिता से उधार लेकर सदर बाजार में कपड़ों की दुकान कर ली। उनका बिजनेस अच्छा चल पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने पिता का उधार चुकाया और छोटी बहन की शादी भी करवाई।
लगातार 14 साल संघ के लिए किया काम
उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। 24 साल की उम्र में 1977 में आरएसएस की सदस्यता ग्रहण की। 27 साल की आयु तक उन्हें संघ में प्रचारक के रूप में खूब ख्याति मिली। वह संघ के लिए लगातर 14 वर्षों तक काम करते रहे। इसके बाद साल 1994 में वो भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान उन्हें हरियाणा भाजपा का महासचिव बनाया गया।
2014 में पहली बार लड़े चुनाव
सालों संघ और भाजपा से जुड़े रहने के बाद पहली बार साल 2014 में मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा का चुनाव लड़ा। उस वक्त हरियाणा में जाटों के दिग्गज नेता माने जाने वाले भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार थी। खट्टर ने हुड्डा को हराकर अपनी सरकार बनाई। इसके बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में फिर से भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में जीत हासिल की। वर्तमान में मनोहर लाल खट्टर करनाल लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं।
मनोहर लाल खट्टर के सामने दिव्यांशु बुद्धिराजा
साल 2019 में 6 लाख 56 हजार मतों से चुनाव जीतने वाले संजय भाटिया का इस बार भाजपा ने टिकट काट दिया। भाटिया के स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को उम्मीदवार बनाया है। खट्टर जैसे बड़े चेहरे के सामने मुकाबले में आने के लिए दिव्यांशु को काफी मेहनती करनी पड़ेगी।