आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा डीसीएम अजित पवार को दी गई बड़ी राहत के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “विपक्ष को जो कहना है, कहने दें। यह न्यायिक निर्णय है।” इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज मैंने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और महायुति के अन्य नेताओं के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। हम छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर की विचारधारा का पालन करते हुए काम करना चाहते हैं। महाराष्ट्र के मतदाताओं ने हमें भरपूर समर्थन दिया है और मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।” इस बीच, सोमवार, 9 दिसंबर को नए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना है। महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है। यह विशेष सत्र महाराष्ट्र में नवगठित विधानसभा के विधायी एजेंडे के लिए माहौल तैयार करने का काम करेगा। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र से एक दिन पहले वरिष्ठ भाजपा विधायक कालिदास सुलोचना कोलंबकर को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई।
विधानसभा के स्पीकर का चुनाव
शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, “आज की प्राथमिकता 288 विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह और महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर का चुनाव कराना है। उसके बाद हमारे तीन नेता सीएम फडणवीस और दो उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार मिलकर तय करेंगे कि मंत्रिमंडल विस्तार कब करना है और हमें कौन से विभाग मिलेंगे। हमारे नेता एकनाथ शिंदे हैं, हमने उन्हें सभी राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार दिया है और वे जो भी निर्णय लेंगे, हमारे सभी विधायक उससे सहमत होंगे।” महाराष्ट्र विधानसभा पश्चिमी भारत में महाराष्ट्र राज्य के द्विसदनीय विधानमंडल का निचला सदन है। इसमें एक सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे चुने गए 288 सदस्य होते हैं। देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित समारोह में दो उपमुख्यमंत्रियों, एनसीपी नेता अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने शपथ ली।
भाजपा के नेतृत्व को मिली शानदार जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल करते हुए निर्णायक जीत दर्ज की। यह परिणाम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी क्रमशः 57 और 41 सीटों के साथ उल्लेखनीय बढ़त हासिल की। जबकि, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, जिसमें कांग्रेस को सिर्फ़ 16 सीटें मिलीं। इसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ़ 10 सीटें मिलीं।