फड़णवीस व तावड़े को संयुक्त जिम्मा
महायुति के सबसे बड़े चेहरे भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने तो मतदान खत्म होने के तुरंत बाद संघ मुख्यालय जाकर संघ प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व महासचिव भैयाजी जोशी से करीब आधा घंटे तक मंत्रणा कर ली। भाजपा ने भी फड़णवीस और कैश फोर वोट कांड से सुर्खियों में आए अपने महासचिव विनोद तावड़े को सरकार बनाने का जिम्मा सौंप दिया। फड़णवीस और तावड़े समान विचारधारा वाले अन्य दलों के नेताओं और निर्दलीयों से सम्पर्क कर रहे हैं, जिस पर शिवसेना उद्धव के नेता संजय राउत ने कहा है कि जीत सकने वालों के भाजपा रिश्वत ऑफर कर रही है।शिवकुमार सक्रिय, बाड़ेबंदी की तैयारी
इधर, महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार को सरकार बनाने के प्रयासों में सक्रिय कर दिया है। परिणाम आने के बाद खरीद-फरोख्त के प्रयासों में कांग्रेस के विधायकों को ही सबसे बड़ा खतरा मानते हुए तो कांग्रेस ने तो एक कदम और आगे जाकर प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी की तैयारी कर ली है। पार्टी प्रभारी रमेश चेन्नीथल्ला ने शिवकुमार को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे जरूरी फैसले लें और जरूरत पड़ने पर कांग्रेस के विधायकों को कर्नाटक शिफ्ट करें। शिवसेना शिंदे के संजय राउत ने भी कहा कि खरीद फरोख्त के खतरे को देखते हुए विधायकों के उनके निर्वाचन क्षेत्र से लाकर एक जगह रखा जाएगा।सतारा: सियासत ले रही नई करवट, मराठा क्षत्रप के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती
सीएम पद को लेकर खींचतान दोनों तरफ
भाजपा दिखा रही है कि उसका पूरा फोकस पहले महायुति की सरकार बनाना है। मुख्यमंत्री के नाम पर समय आने पर बात की जाएगी। लेकिन फड़णवीस और विनोद तावड़े की अगवाई में शुरू की गई सरकार बनाने की कवायद में गठबंधन के सहयोगी शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजित को शामिल नहीं किए जाने से महायुति में अंदरूनी खटपट की भी चर्चा है। उधर,एमवीए में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और एनसीपी शरद सांसद सुप्रिया सुले के सीएम पद को लेकर दिए गए बयानों को लेकर शिवसेना उद्धव की आपत्ति से दरार चौड़ी होती दिखाई दे रही है। इन दोनों बयानों पर कांग्रेस आलाकमान की चुप्पी अघाड़ी की गाड़ी को पटरी से उतारती लग रही है। इसी तरह भाजपा ने सीएम पद को लेकर अपने स्तर पर तैयारी शुरू करके सहयोगियों में अविश्वास का बीज बो दिया है।