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Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव आज, बिरला और सुरेश आमने-सामने…राजस्थान सांसद ओम बिरला की जीत तय

द वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी के सांसद रिकी एंड्रयू सिंगकोन बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान मतदान से अनुपस्थित रहेंगे। वीपीपी के अध्यक्ष अर्देंट मिलर बसियावमोइत ने एक व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से कहा कि वह न तो राजग और न ही इंडिया गठबंधन का समर्थन करेंगे

नई दिल्लीJun 26, 2024 / 07:00 am

Anand Mani Tripathi

Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के पद को लेकर सत्तारूढ जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच आम सहमति नहीं बनने और दोनों पक्षों के अपने-अपने रूख पर अड़े रहने के बाद आजाद भारत के इतिहास में तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की स्थिति बन रही है। इसमें सत्ता पक्ष की ओर से पिछले अध्यक्ष ओम बिरला और विपक्ष की ओर से कोडिकुन्निल सुरेश आमने-सामने हैं।
राजस्थान की कोटा संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार जीतकर आए भाजपा के ओम बिरला ने सत्ता पक्ष की ओर से जबकि कांग्रेस के केरल से जीतकर आए आठ बार के सांसद सुरेश ने विपक्ष की ओर से नामांकन पत्र दायर किया है। हालांकि अब भी आम सहमति के प्रयास जारी हैं। यदि अंतिम समय तक आम सहमति नहीं बनी तो बुधवार को सुबह 11 बजे चुनाव कराया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सत्ता पक्ष ने सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्ष के सभी दलों से बात की है लेकिन विपक्ष ने इसके लिए उपाध्यक्ष पद की जो शर्त लगाई है वह ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यदि विपक्ष को उपाध्यक्ष पद दिया जाता है तो वह लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए सत्ता पक्ष के साथ सर्वसम्मति के लिए तैयार है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने अपने रूख पर अड़े रहने से लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर चुनाव होना तय माना जा रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष का तीसरी बार हो रहा है चुनाव

सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने अपने रूख पर अड़े रहने से लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर चुनाव होना तय माना जा रहा है। यदि यह चुनाव होता है तो आजाद भारत के इतिहास में यह तीसरा मौका होगा। आजादी के बाद 1952 में पहली लोकसभा और 1976 में पांचवी लोकसभा में भी लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बनने के कारण चुनाव हुआ था।

चुनाव में बिरला की जीत तय

लोकसभा की अंकगणित को देखते हुए ओम बिरला की जीत बहुत ही आसान दिख रही है। हालांकि दोनों ही ओर से बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। जोड़-तोड़ की कोशिश चल रही है। लोकसभा अध्यक्ष चुनाव से एनडीए और इंडिया गठबंधन की परीक्षा भी है। इससे सरकार या विपक्ष पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन गठबंधन में सहयोगियों के साथ होने या नहीं होने का पता चल जाएगा।

मेघालय के वीपीपी सांसद चुनाव के दौरान रहेंगे अनुपस्थित

द वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी के सांसद रिकी एंड्रयू सिंगकोन बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान मतदान से अनुपस्थित रहेंगे। वीपीपी के अध्यक्ष अर्देंट मिलर बसियावमोइत ने एक व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से कहा कि वह न तो राजग और न ही इंडिया गठबंधन का समर्थन करेंगे, हम चाहते हैं कि दोनों स्पीकर के पद पर आम सहमति पर पहुंच गए होते। नवगठित वीपीपी के सिंगकोन ने मेघालय के शिलांग संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के तीन बार के सांसद विंसेंट पाला को हराया।

ऐसे होगी चुनाव प्रक्रिया


विशेषज्ञों के अनुसार जिस क्रम में स्पीकर के नामों के प्रस्ताव मिले हैं, उन्हें उसी क्रम में सांसदों की ओर से एक-एक करके रखा जाएगा। यदि अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव सदन में ध्वनि मत से स्वीकृत हो जाता है, तो अध्यक्षता करने वाला अधिकारी घोषित करेगा कि सदस्य को सदन का अध्यक्ष चुना गया है। वह बाद के प्रस्ताव को वोट के लिए नहीं रखेगा। लेकिन यदि विपक्ष वोटों के विभाजन की मांग करता है, तो इस पर वोटिंग होगी।

फिलहाल पर्चियों से होगी वोटिंग

18 वीं लोकसभा के सांसदों को सीटें आवंटित नहीं की गई हैं, इसलिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टम का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सदन के कर्मचारी सांसदों को पर्चियां बांटेंगे और इन पर्चियों से वोटिंग की जाएगी। इसके चलते परिणाम आने में कुछ समय लगेगा।

संवाद के रास्ते खुले हैं

सत्ता पक्ष और विपक्ष में संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले तक बातचीत का रास्ता खुला हुआ है। दोनों पक्षों में सहमति बनने पर लोकसभा में एक ही प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।

क्यों आई ऐसी नौबत पक्ष विपक्ष की तीन गलतियां

भाजपा

  • झुकने को तैयार नहीं, जिससे कमजोरी का संदेश नहीं जाए
  • प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने से पहले विपक्ष को विश्वास में नहीं लेना
  • स्पीकर की बातचीत एक-दो दिन पहले की जा सकती थी

कांग्रेस

  • विपक्ष का डिप्टी स्पीकर बनाने को लेकर बयान देना, लेकिन भाजपा से उचित समय पर बात नहीं करना
  • प्रोटेम स्पीकर को लेकर जरूरत से ज्यादा तूल देना
  • सरकार से संवाद को जल्दी तोड़ देना

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