भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में 370 सीटें स्वयं जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके पीछे जम्मू और कश्मीर में से धारा 370 से हटाने बाद लाभ लेने की रणनीति मानी जा रही है। आम लोगों के दिल से जुड़े इस मुददे से लोग भाजपा के साथ जुड़ें और वोट करें। इसे बार बार चुनाव में याद दिलाने के लिए अबकी बार भाजपा 370 पार का नारा लेकर उतरी है।
भारतीय जनता पार्टी अपने मिशन 370 को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं रहने देना चाहती है। ऐसे में हारी हुई लोकसभा सीटों पर नए प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश की 80, उत्तराखंड की 5, राजस्थान की 24 और छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर चर्चा हुई है। इन सभी राज्यों की 149 सीटों में से भाजपा के पास 122 सीटें हैं। ऐसे में 27 हारी हुई सीटों पर नए चेहरे उतारे जाने की पूरी संभावना है। 122 सीटों पर भी समीकरण के तहत कई जगह चेहरे बदले जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने की। इसमें केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल,भूपेंद्र यादव, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, डॉ के लक्ष्मण, डॉ इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्य नारायण जटिया, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, उपाध्यक्ष ओम माथुर और भाजपा के संगठन महामंत्री बी एल संतोष के अलावा प्रदेशों के चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री भी मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साव, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मौजूद रहे।
गौरतलब है कि 15 मार्च के बाद कभी भी निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी कर सकता है। निर्वाचन आयोग का अंतिम दौरा 13 मार्च को जम्मू कश्मीर में खत्म हो रहा है। यहां वह चुनाव की तमाम तैयारियों का जायजा लेगा और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही कहा है कि उनका तीसरा कार्यकाल जून में शुरू होगा। इसके भी मायने यह हैं मार्च में चुनाव प्रक्रिया थोड़ी देर से शुरू हो सकती है।