अगस्त की इस तारीख को मनाई जाएगी तीज इस बार हरियाली तीज हिंदू पंचांग के अनुसार 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 7 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे तक मनाई जाएगी। अगर पंचांग के हिसाब से चलें तो हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा। यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में बेहद ही खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है। गांवों में यह पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां मायके वाले अपनी बेटी के घर में सावन का सिंधारा भेजते हैं। वहीं सास अपनी बहुओं को इस दिन विशेष तरह का उपहार देती हैं।
सैकड़ों साल की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थी माता पार्वती हरियाली तीज के पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं, इसलिए इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने सुहाग की लम्बी आयु की कामना करती है। कई जगहों पर कुंवारी कन्या भी इस दिन उपवास रखती है, ताकि वह योग्य वर की पा सके। हरियाली तीज वैसे तो पूरे भारत में ही मनाई जाती है मगर हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरू और ब्रज आचल में यह विशेष रूप से मनाई जाती है।
विशेष रूप से बनाया जाता है ‘घेवर’ इस दिन घरों में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिसमें खीर और मालपुआ जैसी मिठाइयां शामिल हैं। एक खास तरह की मिठाई ‘घेवर’ विशेष रूप से तीज के पर्व पर ही बनाई जाती है। शहरों की बात करें तो कई प्रमुख शहरों में इस पर्व को खास बनाने के लिए मेलों का आयोजन किया जाता है। जहां आप अपने पूरे परिवार के साथ तीज मना सकते हैं। हर बार की तरह इस बार भी पर्यटन विभाग के आईएनए में दिल्ली हाट में तीज मेले का आयोजन किया जा रहा है। 2 से 7 अगस्त, 2024 तक चलने वाले इस मेले में चूड़ियों व मेहंदी के स्टॉल, हस्त कला और हस्तशिल्प के स्टॉल के अलावा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।