कपिल राज
2009 बैच के आईआरएस प्रवर्तन निदेशालय के रांची जोन के प्रमुख हैं। ये वो पहले अधिकारी जिनके खिलाफ एफआईआर में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबसे पहले लिखवाई है। राज की निगरानी में झारखंड के सबसे बड़ा मामला अवैध खनन घोटाला, जमीन घोटाला और विधायक नकद घोटाला चल रहा है। वह निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक भी रह चुके हैं और झारखंड में वह दिसंबर 2024 तक के लिए पदास्थापित किए गए हैं।
देवव्रत झा
बिहार के रहने वाले देवव्रत झा निदेशालय में सहायक निदेशक और हेमंत सोरेन मामले के जांच अधिकारी हैं। झा काफी तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं बंगाल पदस्थापना के दौरान सरकार ने इन्हें एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी थी। 2022 में हेमंत सोरेन प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
अनुपम कुमार
अनुपम 2022 में रांची आए थे और तभी से वह कई बड़े मामले की जांच कर रहे हैं। यह हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल हैं। इनके खिलाफ भी हेमंत ने एफआईआर दर्ज कराई है। 2023 में अनुपम का मोबाइल कोर्ट में छीन लिया गया था। उस समय कोर्ट में सांसद विजय हंसदा और हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा कोर्ट में थे। झारखंड में प्रवर्तक अधिकारी के रूप में पदास्थापित हैं।
अमन पटेल
प्रवर्तन निदेशालय रांची में सहायक अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। पटेल की पहचान युवा और तेजतर्रार अधिकारियों के रूप में हैं। जमीन घोटाले में ये काफी सक्रिय हैं। इन्होंने ही हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था।