मोदी-गडकरी की जोड़ी से आस
प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का विकसित भारत का सपना और लगातार तीसरी बार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री बने नितिन गडकरी की कार्यकुशलता से पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेस-वे या केसरिया कॉरिडोर का सपना साकार हो सकता है। मोदी राजमार्ग-जलमार्ग जैसे बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को विकास का इंजन बता चुके हैं। मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में ही बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत खर्च के लिए 11.11 लाख करोड़ का आवंटन रखा है। जिस तरह से मोदी और गडकरी दूरगामी सोच के साथ काम कर रहे हैं और इस कॉरिडोर में भाजपा को समर्थन मिला है उससे यह एक्सप्रेस-वे दूर की कौड़ी नहीं लगता।
गुजरात-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा को लाभ
द्वारका-पुरी पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेस-वे का सपना साकार होता है तो इसके बीच आने वाले गुजरात-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा को प्रमुख लाभ होगा। यह एक्सप्रेस-वे गुजरात के जामनगर, राजकोट, बड़ौदा, गोधरा, मध्यप्रदेश के झाबुआ, धार, इंदौर, हरदा, बैतुल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग, भिलाई, रायपुर, महासमुंद और ओडिशा के बोधगढ़, नयागढ़, भुवनेश्वर जैसे शहरों से गुजर सकता है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नागपुर व भंडारा जैसे प्रमुख शहर भी इससे लाभान्वित होंगे।
ये होगा फायदा
पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेस-वे बनने से खनिज संपदा व कृषि से संपन्न राज्यों में शानदार कनैक्टिविटी बनेगी। ओडिशा और छत्तीसगढ़ लोहा, जस्ता, कोयला जैसे खनिजों से समृद्ध हैं। दूसरी ओर मध्यप्रदेश व गुजरात कृषि उत्पादन के लिहाज से काफी आगे हैं। गुजरात औद्योगिक राज्य है। सीधे कनेक्टिविटी बढ़ने से इन राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। इसके अलावा धार्मिक व अन्य पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी।
अभी लगते हैं 45 घंटे
मौजूदा सड़क ढांचे में द्वारका से पुरी की सीधी यात्रा आसान नहीं है। हालांकि कई जगह राजमार्ग मौजूद हैं लेकिन दोनों धामों के बीच करीब 2150 किलोमीटर की लगातार यात्रा में 45 घंटे लग सकते हैं। यदि पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेस-वे बनता है तो यात्रा सुविधाजनक होगी और इसमें समय भी काफी कम हो सकता है।
87 में से 84 सीटें जीतीं
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जो 240 सीटें जीती हैं उनमें चार राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व ओडिशा का अहम योगदान है। इन राज्यो की कुल 87 सीटों में से भाजपा ने 84 सीटें जीती है। साथ ही लोकसभा चुनाव के साथ हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य में 24 साल से सरकार चला रही बीजद को सत्ताच्युत कर पहली बार सरकार बनाई है।