केसी त्यागी को क्यों देना पड़ा इस्तीफा
गौरतलब है कि, चाहे समान नागरिक संहिता हो, वक्फ (संशोधन) विधेयक हो या फिलिस्तीन मुद्दे पर सरकार का रुख, समाजवादी नेता के मुखर विचार उनकी पार्टी के कई लोगों को पसंद नहीं आए और भाजपा के लिए भी उनके बयान शर्मिंदगी का कारण बने। साथ ही दिल्ली में रह रहे जेडी(यू) के दो वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और संसदीय दल के नेता संजय झा की भी एक राय है कि त्यागी की लगातार सार्वजनिक टिप्पणियों से भाजपा के साथ संबंधों मेनेज करना मुश्किल हो रहा था। भाजपा NDA के भीतर समन्वय सुनिश्चित करने और सद्भाव बनाए रखने के लिए अपने सहयोगियों से संपर्क कर रही है, जिसका उद्देश्य ब्लॉक के भीतर मतभेदों की रिपोर्टों को दूर करना है।
इन अहम पदों पर रहे हैं त्यागी
त्यागी बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा सदस्य रहे हैं और उन्होंने उद्योग पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष का पद भी संभाला है। इससे पहले, वे नौवीं लोकसभा के सदस्य थे और उन्होंने पटल पर रखे गए पत्रों पर समिति और केंद्रीय भंडारण निगम दोनों के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। के.सी. त्यागी ने 1974 में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में हापुड़-गाजियाबाद निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। जेडी(यू) ने एक बयान में कहा कि उसके अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजीव रंजन प्रसाद को अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया है।