जीत की इस इबारत को लिखने वाले हवलदार दिगेंद्र कुमार बताते हैं कि 2 राज रीफ ने इस पहाड़ी पर हमला मेजर विवेक गुप्ता के नेतृत्व में हमला किया गया। 12 जून करीब 8 बजे यह हमला 13 जून की सुबह 4 बजे तक जीत में बदल चुका था। मेरे पास कुल 18 ग्रेनेड थे। मैंने 11 बंकरों में डालकर पाकिस्तानियों को उड़ा दिया। इस हमने में मैने 48 और पूरी यूनिट ने 70 से अधिक पाकिस्तानियों को मार गिराया था। इस युद्ध में मेरा कोड नेम कोबरा था। यह मुझे श्रीलंका में दिया गया था।
13 जून की सुबह को याद करते हुए कहते हैं कि ग्रेनेड के धमाकों से पाकिस्तानी बड़ी संख्या में मारे गए थे। इतने में मेरी निगाह पाकिस्तानी मेजर अनवर पर पड़ी फिर क्या था न आव देखा न ताव दुश्मन की गर्दन उड़ा दी। इसके बाद भारत मां का तिरंगे को पहाड़ी पर फहरा दिया। हमारी पलटन से पहले भी तीन हमले इस पहाड़ी पर किए गए थे लेकिन जीत 2 राज रिफ की हिस्से आई।
हवलदार दिगेंद्र कुमार कहते हैं जब मैं भारत मां का तिरंगा पहाड़ी पर फहरा रहा था तो वह एहसास किसी चक्रवर्ती सम्राट से भी कहीं बेहतर था। आपको बात दें कि इस पहाड़ी पर करीब 75 डिग्री के कोण में हमने 15 हजार फीट तक चढ़ाई की। तोलोलिंग इतनी महत्वपूर्ण पहाड़ी कि भारतीय सेना की पूरी रसद प्रणाली इससे प्रभावित हो रही थी।