bell-icon-header
राष्ट्रीय

JK: आतंकियों की मौत पर आंसू टपकाने वाली महबूबा को नहीं मिली अवाम की मोहब्बत, कश्मीर घाटी में सिर्फ पांच विधानसभा की सीट पर सिमट गई पीडीपी

JK: पीडीपी का प्रदर्शन बारामूला लोकसभा सीट पर निराशाजनक रहा। यहां पार्टी के उम्मीदवार मीर फैयाज की जमानत भी जब्त हो गई। उन्हें केवल 27,488 वोट मिले।

नई दिल्लीJun 06, 2024 / 02:21 pm

Anand Mani Tripathi

जम्मू-कश्मीर में आतंक का प्रश्रय देने के आरोपों से लदी कश्मीर घाटी की प्रमुख पार्टी पीडीपी इस बार पूरी घाटी से साफ हो गई है। सिर्फ पांच विधानसभा सीटों में इस पार्टी को बढ़त मिली है बाकी पूरे प्रदेश में मुंह की खानी पड़ी है। कश्मीर घाटी में 54 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें से सिर्फ 5 पर पीडीपी आगे रह पाई। इस तर्ज पर अगर विधानसभा का चुनाव मान लिया जाए तो फिर कश्मीर में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रही महबूबा को मुंह की खानी पड़ेगी।
अनुच्छेद 370 का राग अलाप रही महबूबा को कहीं से भी समर्थन मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज गुज्जर नेता मियां अल्ताफ से लगभग तीन लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वह दक्षिण कश्मीर के केवल तीन विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थीं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे कभी पार्टी का गढ़ माना जाता था।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक महबूबा ने तीन विधानसभा क्षेत्रों- अनंतनाग, अनंतनाग पश्चिम, और श्रीगुफवारा-बिजबेहरा में बढ़त बनाई लेकिन शेष क्षेत्रों में मियां अल्ताफ से पीछे रहीं। दक्षिण कश्मीर के तीन क्षेत्रों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के समर्थन के कारण और एक क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट (माकपा) नेता वाई तारिगामी के कारण बढ़त बनाने में कामयाब रहे। इस क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
श्रीनगर में पीडीपी के युवा नेता वहीद पर्रा नेकां नेता आगा रूहुल्लाह से हार गए। वह केवल दो विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे। पर्रा ने 1,68,450 वोट प्राप्त किए। वह श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के 18 विधानसभा क्षेत्रों में से पुलवामा और राजपोरा विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहे। पीडीपी का प्रदर्शन बारामूला लोकसभा सीट पर निराशाजनक रहा। यहां पार्टी के उम्मीदवार मीर फैयाज की जमानत भी जब्त हो गई। उन्हें केवल 27,488 वोट मिले।
गौरतलब है कि 1999 में महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद पीडीपी का गठन किया था। 2003 में कांग्रेस के साथ और बाद में 2015 में भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाई। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद, कई संस्थापक सदस्य पीडीपी छोड़ चुके हैं।

Hindi News / National News / JK: आतंकियों की मौत पर आंसू टपकाने वाली महबूबा को नहीं मिली अवाम की मोहब्बत, कश्मीर घाटी में सिर्फ पांच विधानसभा की सीट पर सिमट गई पीडीपी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.