राजनीतिक दलों ने लगाई वादों की झड़ी
विकास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बेहतर सड़कें, सुरक्षित पेयजल, सस्ती बिजली और नागरिक सुविधाएं हर राजनीतिक दल के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा थीं, लेकिन आखिरकार लड़ाई उन लोगों के बीच थी जो ‘अनुच्छेद 370’ की बहाली और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देना चाहते थे। दिलचस्प बात यह है कि ‘अनुच्छेद 370’ की बहाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण थी, लेकिन राज्य का दर्जा हर राजनीतिक दल द्वारा किए गए घोषणा पत्र में से एक वादा था।कहां कितने कैंडिडेट मैदान में?
40 सीटों पर कुल 415 उम्मीदवार मैदान मेंजम्मू में 109 उम्मीदवार
बारामूला में 101 उम्मीदवार
कुपवाड़ा में 59 उम्मीदवार
बांदीपोरा में 42 उम्मीदवार
उधमपुर में 37 उम्मीदवार
कठुआ में 35 उम्मीदवार
सांबा में 32 उम्मीदवार
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पीएम मोदी, अमित, खड़गे, सचिन सहित कई कई नेताओं की रैलियां
विधानसभा चुनाव में एनसी के साथ पूर्व गठबंधन के बावजूद कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में या राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सचिन पायलट और प्रियंका गांधी सहित अपने शीर्ष नेताओं के भाषणों में अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मतदाताओं से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। यह भी पढ़ें