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Jammu Kashmir Election: उलझन में सियासी दल, किसका होगा ‘कश्मीर का ताज’, समझें गणित

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: कश्मीर का दिल कहे जाने वाले लाल चौक विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण (JK Vidhan Sabha Election 2nd Phase) के लिए ताकत झोंक दी है। पढ़िए पत्रिका के सीनियर रिपोर्टर जग्गोसिंह धाकड़ की ग्राउंड रिपोर्ट

जम्मूSep 20, 2024 / 10:41 am

Akash Sharma

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Patrika Ground Report

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: कश्मीर का दिल कहे जाने वाले लाल चौक विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। यहां देखने में सब कुछ सामान्य सा लगता है पर है नहीं। लाल चौक (Lal Chowk) पर्यटकों से गुलजार है। चप्पे चप्पे पर तैनात सुरक्षा कर्मी अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ओर इशारा कर रहे हैं। चुनावी पोस्टर, बैनर, झंडियां नजर नहीं आ रहीं। मतदाता दिल की बात कहने से बच रहा है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का पहला चरण सम्पन्न होते ही राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण (JK Vidhan Sabha Election Second Phase Voting) के लिए ताकत झोंक दी है। खौफजदा लेकिन शांत माहौल में यहां का आवाम किस पार्टी के नुमाइंदे को विधानसभा पहुंचाएगा, फिलहाल कहा नहीं जा सकता।
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024 2nd Phase

कमल को स्वीकार करना आसान नहीं

यह विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए खास है क्योंकि भाजपा ने कश्मीर की जिन 19 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें लालचौक भी शामिल है। नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और अपनी पार्टी के उम्मीदवारों सहित कुल दस प्रत्याशी यहां राजनीतिक भाग्य आजमा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा प्रत्याशी के लिए यहां रैली कर चुके हैं। रैली में बाद शहर की सियासी तासीर जानने के लिए मैंने लाल चौका का रूख किया तो लोग बातचीत करने से बचते नजर आए। नाश्ते की दुकान पर अतहर चर्चा के लिए राजी हुए तो वे कश्मीर पर राज करने वाले अब्दुल्ला और मुफ्ती खानदान पर बरस पड़े। कहने लगे, उनके शासन में हड़ताल होती थी।, गोलियां चलतीं थी। लाल चौक पर रात तक रौनक रहने और क्या भाजपा को वोट देने के सवाल पर वे बोले, कुछ भी हो यहां कमल निशान को स्वीकार करना आसान नहीं है।
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024 hot seat lal chowk data

निर्दलीय बिगाड़ रहे गणित

शेर-ए-कश्मीर पार्क के बाहर जुबैर ने माना कि मोदी की जनसभा होने से भाजपा प्रत्याशी को फाइट में माना जा रहा है, लेकिन हकीकत में इसका खास असर नहीं पड़ेगा। सभा में लोगों को मैनेज करके लाया जा सकता है। जरूरी नहीं वे वोट भी दें। कश्मीर में एनसी और इंजीनियर रशीद के प्रत्याशी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं। निर्दलीय गणित बिगाड़ रहे हैं।

चाचा-भतीजे में जंग

भाजपा ने 40 वर्षीय बायो मेडिकल इंजीनियर एजाज हुसैन पर दांव खेला है। एनसी के टिकट पर 50 वर्षीय शेख अहसान अहमद मैदान में हैं। वे समाजशास्त्र में पीजी डिग्रीधारक हैं। पीडीपी ने 35 साल के जुहैब यूसुफ मीर को टिकट दिया है। जुहैब ने ब्रिटेन से अर्थशास्त्र में पीजी डिग्री हासिल की है। जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी से 52 वर्ष के मोहम्मद अशरफ मीर चुनावी मैदान में उतरे हैं। ये रिश्ते में पीडीपी प्रत्याशी के चाचा हैं। इस तरह से इस सीट से चाचा-भतीजे के बीच भी जंग हो रही है। अशरफ एमबीए हैं।

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