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Indo Pak War: आज भारत का हिस्सा होता लाहौर… जानिए 1965 के भारत-पाक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी

23 September India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में भीषण युद्ध हुआ। संयुक्त राष्ट्र (United State) की पहल पर 23 सितंबर के दिन ही युद्ध विराम हुआ। पढ़िए 1965 Indo Pak वॉर की कहानी

नई दिल्लीSep 23, 2024 / 01:57 pm

Akash Sharma

1965 Indo Pak War

23 September Indo Pak War: भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में भीषण युद्ध हुआ। संयुक्त राष्ट्र (United State) की पहल पर 23 सितंबर के दिन ही युद्ध विराम हुआ। यह पहला ऐसा युद्ध था, जब दोनों देशों को बीच हर जगह मोर्चा खुल गया। वैसे तो यह लड़ाई मेन रुप से पैदल Army और टैंक डिविजन के बीच हुई। हालांकि इसमें नौसेना ने अपना योगदान दिया। साथ ही यह पहला मौका था जब दोनों देशों की वायु सेना (Air Force) भी जंग के मैदान में उतर गई थी। आज 23 सितंबर के दिन ही 1965 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई रोक दी थी। ये युद्ध अगर रुका नहीं होता तो आज लाहौर भारत के कब्जे में होता। पाकिस्तान की ओर से बार-बार उकसाने और हमले के परिणाम स्वरूप जब भारत ने करारा जवाब देना शुरू किया, तो पाकिस्तान के हाथ से लाहौर निकलने लगा था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की पहल पर 23 सितंबर 1965 को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोक दिया गया।
Indo Pak war 1965 Tank Battle

भारत पाक 1965 युद्ध की ऐसे हुई शुरूआत

पाकिस्तान ने 20 मार्च 1965 में जानबूझ कर कच्छ के रण में झड़पें शुरू कर दी। इन हमलों की शुरूआत में में केवल सीमा सुरक्षा बल ही शामिल थे। बाद में दोनों देशों की सेना भी शामिल हो गयी। इसके बाद भारत ने 6 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा को पार कर पश्चिमी मोर्चे पर हमला कर युद्ध की आधिकारिक शुरुआत कर दी। इसके बाद UN ने करीब 17 दिन बाद युद्ध विराम की घोषणा कर दी।
1965 War Indian And Pakistan Air Force battle
1965 War Indian Vs Pakistan Air Force battle

भारत ने किया लाहौर पर अटैक


भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध को कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। यह युद्ध 5 अगस्त 1965 को शुरू हुआ था और 23 सितंबर 1965 को खत्म हुआ। युद्ध में दोनों देशों के हजारों लोग मारे गए थे। भारतीय सेना ने 6 सितंबर 1965 को पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर पर हमला कर दिया था। भारत के इस हमले ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

भारत का हिस्सा होता लाहौर

UN ने युद्ध विराम की घोषणा के बाद ताशकंद में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था। ताशकंद समझौते में दोनों देशों ने क्षेत्रीय दावों को छोड़ दिया। इसके साथ ही विवादित इलाके से अपनी सेनाएं वापस ले ली। भारत को इस युद्ध में पाकिस्तान की जमीन लौटानी पड़ी। इस युद्ध में भारत की जीत ने दुनिया में देश का कद बढ़ाया। भारत को विश्व में नई पहचान दिलाई। दोनों देशों के बीच 23 सितंबर को युद्ध विराम नहीं हुआ होता और ताशकंद समझौते नहीं होता, तो आज लाहौर भारत का हिस्सा होता।

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