ऑपरेशन पराक्रम के दौरान जवान को चढ़ाया गय था खून बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान बीमार होने पर एयरफोर्स के जवान को जम्मू के साबा में स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें एक यूनिट रक्त चढ़ाना पड़ा था। लेकिन लापारवाही में अस्पताल ने जवान को HIV संक्रमित खून चढा दिया था।
जयपुर में दिलाई जाए अच्छी सुविधा इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे एक वकील ने सैनिक की नियमित चिकित्सा जांच के बारे में बताया और कहा कि पीठ इसके लिए उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेफर करने पर विचार कर सकती है। पीठ ने कहा कि चूंकि वह व्यक्ति अजमेर में रहता है इसलिए उसे असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जयपुर में अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
100 दिव्यांगता पेंशन मिले न्यायमित्र से पीठ ने इस मुद्दे पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के साथ चर्चा करने को कहा ताकि इसे सुलझाया जा सके और मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। उच्चतम न्यायालय ने पांच मार्च को निर्देश दिया था कि 18 लाख रुपये व्यक्ति को दिए जाएं तथा शेष राशि दो सप्ताह के भीतर अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराई जाए। पीठ ने यह भी आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता को दिव्यांगता पेंशन देने के लिए उसकी दिव्यांगता को 100 फीसदी समझा जाए।