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भारत ने दिया चीन को झटका, कई उत्पादों पर ठोंका डंपिंग रोधी शुल्क

CBIC : चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 162.5 प्रतिशत तक और दक्षिण कोरिया में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 52.77 प्रतिशत तक डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले टिन प्लेट पर 741 डॉलर प्रति एक लाख पीस का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है।

नई दिल्लीJun 28, 2024 / 07:39 am

Anand Mani Tripathi

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गुरुवार को चीन तथा कुछ अन्य देशों के कई उत्पादों पर डंपिग रोधी शुल्क लगा दिया। बोर्ड के गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन में इन शुल्कों की घोषणा की गई है। चीन में बने या चीन से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 554 डॉलर प्रति टन तक का और यूरोपीय संघ में बने या वहां से निर्यात सोडियम सायनाइड पर 230 डॉलर प्रति टन, जापान में बने या वहां से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 447 डॉलर और दक्षिण कोरिया में बने या वहां से निर्यात किये गये सोडियम सायनाइड पर 413 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है।
इसी तरह चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 162.5 प्रतिशत तक और दक्षिण कोरिया में बने या वहां से निर्यात होने वाले चिजेल टूल और रॉक ब्रेकर्स पर 52.77 प्रतिशत तक डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले टिन प्लेट पर 741 डॉलर प्रति एक लाख पीस का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। इस तीनों मामलों में ये शुल्क पांच-पांच साल के लिए लगाए गए हैं। चीन में बने या वहां से निर्यात होने वाले टेलीस्कोपिक चैनल ड्रॉअर स्लाइडर पर 614 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। यह छह महीने तक प्रभावी रहेगा।

कब लगाया जाता है डंपिंग रोधी शुल्क?

जब किसी देश को लगता है कि कोई दूसरा देश हमारे उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए लागत से भी कम कीमत पर किसी वस्तु का हमें निर्यात कर रहा है, तो उस पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जाता है।

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