आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार के लिए खुशशबरी आई है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 17 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.077 अरब डॉलर बढ़कर 595.397 अरब डॉलर हो गया। इससे पहले, 10 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 46.2 करोड़ डॉलर गिरकर 590.32 अरब डॉलर हो गया था।
सोने का भी बढ़ा भंडार
17 नवंबर को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 52.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 46.04 अरब डॉलर हो गया, जबकि एसडीआर 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.13 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में आरक्षित निधि 4.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.83 अरब डॉलर हो गई। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अच्छी खबर है, क्योंकि आरबीआई इसका उपयोग रुपये के अस्थिर होने पर उसे स्थिर करने के लिए करता है।
बता दें कि आरबीआई रुपये को दबाव में आने से रोकने के लिए अधिक डॉलर की बिक्री करके हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करता है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तेज गिरावट से आरबीआई के पास रुपये को स्थिर करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने की गुंजाइश कम हो जाती है।
अन्य विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा असर
पिछले साल से वैश्विक विकास के कारण दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की रक्षा के लिए पूंजी भंडार को तैनात कर दिया। इस ने भंडार को प्रभावित किया है। विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों पर भी असर हुआ है।