भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार को पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में गराज के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं देहरादून समेत पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले में भारी बारिश के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, गढ़वाल मंडल में 6 और 7 जुलाई को बारिश बढ़ने की भी संभावना है। बारिश के अलर्ट के साथ ही प्रशासन भी सतर्क हो गया है। मौसम विभाग ने कुमाऊं के जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट और गढ़वाल मंडल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन सभी जिलों में तेज बारिश होने से जलभराव और भूस्खलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन इलाकों के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
गुजरात में भारी वर्षा का सिलसिला जारी, लाखानी में 270 मिमी बारिश
गुजरात के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही भारी मानसूनी वर्षा का सिलसिला आज भी जारी रहा। राज्य में 170 तालुकाओं में मंगलवार को बारिश हुई। इस दौरान बनासकांठा जिले के लाखानी में सबसे ज्यादा 270 मिमी बारिश दर्ज की गई है जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। मौसम विभाग के अनुसार आज सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक पांच तालुकाओं में 92 से 270 मिमी और 165 तालुकाओं में एक मिमी से 79 मिमी बारिश हुई। ग्रामीण और शहरों के निचले इलाकों में बारिश से जलजमाव की स्थिति से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।हिमाचल में भूस्खलन से 36 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में ‘ऑरेंज अलर्ट’ के बीच मानसून जमकर बरस रहा है। कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना और मंडी जिलों में देर रात तेज़ बारिश हुई है। बादलों के बरसने के प्रतिकूल प्रभाव दिखने लगे हैं और भूस्खलन की घटनाएं शुरू हो गई हैं। मंडी जिला में तेज बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन होने से सड़कें बंद हो गईं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल है। राज्य में मानसून के बरसने से सैलानियों की आवाजाही में भारी गिरावट आ गई है। प्रमुख हिल्स स्टेशनों शिमला, चायल, डलहौजी, मनाली और कसौल इत्यादि में होटलों की ऑक्यूपेंसी में कमी आई है। शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 85 फीसदी से घटकर 60 फीसदी रह गई है। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी राज्य के मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी करते हुए लोगों को खासतौर पर सैलानियों को सचेत रहने को कहा है। सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है। राज्य में छह जुलाई तक भारी वर्षा की आशंका जताई गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मंगलवार सुबह तक राज्य में 36 सड़कें बंद हैं।
इनमें मंडी जिला में 35 और चम्बा में एक सड़क अवरुद्ध है। मंडी जिला के गोहर उपमण्डल में 13, करसोग में 11, सैंज में 10 और सुन्दरनगर में एक सड़क बाधित है। कांगड़ा जिला के इंदौरा उपमण्डल में भी एक सड़क पर आवागमन ठप है। भारी वर्षा के साथ आसमानी बिजली गिरने से राज्य में 169 ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं। ऊना जिला में सबसे ज्यादा 77, मंडी में 68 और चम्बा में 24 ट्रांसफार्मर बंद हैं।