उबर इंडिया ने दिया ये तर्क
राज्य आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान उबर इंडिया ने तर्क दिया कि उनकी ओर से सेवा में कोई चूक नहीं की गई। उबर एक कैब-सेवा एग्रीगेटर और सुविधादाता के रूप में कार्य करता है इसलिए उसे कैब चालक की चूक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। साथ ही परिवादी ने उबर ऐप पर दूसरी बुकिंग के विकल्प का लाभ उठाने का प्रयास करने के बजाय एक स्थानीय टैक्सी की तलाश की जिसके कारण एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हुई और फ्लाइट चूक गई। उपभोक्ता अदालत ने माना सेवा दोष
आयोग ने अपने फैसले में कंपनी के तर्क खारिज करते हुए कहा कि हालांकि कंपनी परिवहन सेवाओं की सुविधा के लिए एक मंच प्रदान करती है, लेकिन यह सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है कि उपभोक्ताओं को संतोषजनक और समय पर सेवाएं प्रदान की जाएं। एग्रीगेटर और सेवा प्रदाता होने के नाते कंपनी को परिवादी को समय पर और संभव (फिजीबल) विकल्प देना चाहिए था। परिवादी की शिकायत का समय पर निवारण न करना ग्राहक की सेवा सुनिश्चित करने में जिम्मेदारी की कमी स्पष्ट करता है जो कंपनी की ओर से सेवा दोष है। आयोग ने उबर इंडिया की अपील खारिज कर दी।
यह था मामला
परिवादी ने इंदौर की फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के लिए उबर ऐप के जरिये कैब बुक की थी लेकिन चालक कैब लेकर नहीं पहुंचा। बार-बार कॉल करने पर भी कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया तो परिवादी ने कैब रद्द कर दी। दूसरी टैक्सी से एयरपोर्ट पहुंचने तक फ्लाइट मिस हो गई और परिवादी और उसकी पत्नी को दोगुने किराये वाली फ्लाइट से इंदौर जाना पड़ा। उबर इंडिया ने परिवादी के कानूनी नोटिस का भी जवाब नहीं दिया।