हाईकोर्ट ने खारिज किया मामला
जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह के मामलों में केस दर्ज कराना उचित नहीं है। अगर पति अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ खाद्य पदार्थ खाने से रोकता है तो इसे घरेलू हिंसा नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला देते हुए मामले को खारिज करने का आदेश दिया। जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा कि मामूली कारणों को लेकर पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाना ठीक नहीं है। यह भी पढ़ें
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