सबसे ज्यादा मंत्रालय संभालने वाले मंत्री
60 वर्षीय गोयल मोदी सरकार के ऐसे चेहरे हैं, जो सबसे ज्यादा मंत्रालयों को संभाल चुके हैं। 2014 से अब तक पीयूष गोयल वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, कपड़ा मंत्रालय के साथ रेल, वित्त, कॉरपोरेट अफेयर्स, ऊर्जा, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, खान जैसे मंत्रालयों में कैबिनेट, स्वतंत्र प्रभार या राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके इकलौते मंत्री हैं। मुंबई में 13 जून 1964 को जन्मे पीयूष के पिता वेदप्रकाश गोयल अटल सरकार में मंत्री और भाजपा के कोषाध्यक्ष भी रहे। मां चंद्रकांता गोयल महाराष्ट्र की 3 बार विधायक रही हैं। 2014 में भाजपा की सोशल मीडिया आउटरीच अभियान का नेतृत्व करने वाले गोयल 2019 में चुनावी घोषणापत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।निर्यात का रिकॉर्ड, ऐतिहासिक व्यापार समझौते
पीयूष गोयल के 2019 से 2024 के वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहते देश ने 2021-22 में करीब 675 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रेकॉर्ड निर्यात किया। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौता(एफटीए) किया तो उनके ही कार्यकाल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता(ईसीटीए) किया। गोयल के कार्यकाल में ही मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ रोजगार सृजन और पीएलआई स्कीमों की शुरुआत हुई।खाद्य और उजालाः विश्व की 2 सबसे बड़ी योजनाएं
मोदी सरकार में पीयूष गोयल के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रहते हुए 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अन्न देने वाला विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम शुरू हुआ। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में रहने के दौरान भारत ने विश्व के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम(उजाला) को भी सफलतापूर्वक लागू किया। गोयल ने कर्ज में डूबे डिस्कॉम्स को सहारा देने के लिए ‘उदय’ योजना शुरू की तो दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू कर देश में वंचित 18 हजार गांवों में बिजली भी पहुंचाई।‘वंदे भारत’ शुरू करने वाले रेल मंत्री
रेल मंत्री के रुप में पीयूष गोयल ने दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हुई। कोविड के समय का सदुपयोग करते हुए भारतीय रेलवे ने लंबे समय से लंबित 200 प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया।चुनौतियां
संतुलित ई-कॉमर्स नीतिस्थानीय व्यापार व उद्योग को बढ़ावा
ऑनलाइन निर्यात बढ़ाने को ई-कॉमर्स हब का विकास
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में और सुधार करना
पर्यावरण संरक्षण से जुड़े यूरोपीय संघ के कानूनों से निर्यात पर असर
रोजगार के नए अवसरों का सृजन
ब्रिटेन व अन्य देशों से अटके व्यापार समझौते करना