अपनी मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हो चुके हैं। पिछली बार की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों के लिए विरोध पर उतर गए हैं। बता दें कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों की सीमाओं पर जवानों का कड़ा पहरा है।
किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े
किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए, टिकरी, सिंघू और गाज़ीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा उपायों के रूप में अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस को तैनात किया गया है, और संपर्क मार्गों पर सीमेंट ब्लॉक और कीलें लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर पूरे शहर में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी और सीमाओं को मजबूत कर दिया। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने केंद्र सरकार के खिलाफ नियोजित किसान विरोध प्रदर्शन के बीच कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अगले 30 दिनों के लिए ये निर्देश जारी किए।
अर्धसैनिक बलों की 64 और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों सहित कुल 114 कंपनियां विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं। दंगा-रोधी उपकरणों से लैस ये इकाइयां सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील जिलों में तैनात हैं। इसके अतिरिक्त, किसी भी विघटनकारी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों जैसी निगरानी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। वहीं दिल्ली में बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने शंभू बॉर्डर के पास किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े।
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हरियाणा में बनाईं दो अस्थायी जेल
किसान आंदोलन का सबसे अधिक असर हरियाणा में पडऩे की आशंका है। इसे देखते हुए सिरसा के चौधरी दलबीर ङ्क्षसह इंडोर स्टेडियम और गुरु गोङ्क्षबद ङ्क्षसह स्टेडियम डबबाली में दो अस्थायी जेल बनाई गई हैं। राज्य में हालात संभालने के लिए केंद्र ने बीएसएफ और सीआरपीएफ की 64 कंपनियां भेजी हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों और खेत मजदूरों की कर्ज माफी।
200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी और 700 रुपए प्रतिदिन मजदूरी।
किसान व मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपए महीना दें।
स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी। सरकार खुद फसल बीमा करे।
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने और जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी।
लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और दोषियों को सजा। घायल किसानों को 10 लाख रुपए का मुआवजा।
जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है