हजारों की संख्या में मौजूद थे लोग
इससे पहले ऑटो मार्केट स्थित रामलीला ग्राउंड में पहुंचने पर राम व रावण की सेना के बीच युद्ध हुआ। इसके बाद मुख्यातिथि व अन्य गणमान्य लोगों ने पूजन किया। तत्पश्चात मुख्यातिथि ने रावण व कुंभकर्ण के पुतले को अग्निभेंट किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। इस अवसर पर बिजलीमंत्री चौ. रणजीत सिंह ने कहा कि हर त्यौहार हमें शिक्षा देता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पर्व से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि हमें बुराई से दूर रहना चाहिए। रावण सवज़्ज्ञानी था परंतु उसका अभिमान व सीता हरण के पाप ने उसके कुल का नाश कर दिया।
क्लब ने की 11 लाख रुपए देने की घोषणा
इस अवसर पर रणजीत सिंह ने श्री रामा क्लब द्वारा पिछले 74 सालों से आयोजित किए जा रहे रामलीला एवं दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि रामा क्लब के दशहरा पर्व जैसा आयोजन उन्होंने कहीं नहीं देखा, जितनी श्रद्धा भावना से लोग यहां खड़े हैं और पूरे रास्ते शोभायात्रा का स्वागत कर रहे थे, यह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने अपने एैच्छिक कोष से क्लब को 11 लाख रुपए देने की घोषणा की।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर सरंक्षक श्याम बजाज, प्रधान अश्वनी बठला, महासचिव गुलशन गाबा, सचिव मिंटू कालड़ा, संजय अरोड़ा,बाबू लाल फुटेला, अनिल डूमरा, भूपेश मेहता, अनिल बांगा, बिशंभर चुघ, राकेश मदान, सुरेश कालड़ा, रमेश अनेजा, गुलशन वधवा, विजय ऐलाबादी, संजय सोनी सहित अनेक ट्रस्ट के पदाधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद थे।
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रावण बनाने में आया है 18 लाख का खर्च
बता दें कि 171 फीट इस रावण के पुतले को बनाने में करीब 18 लाख रुपए का खर्च आया है। पंचकूला के श्री माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट (दशहरा कमेटी) और श्री आदर्श रामलीला ड्रैमेटिक क्लब की ओर से संयुक्त रूप से यह भव्य आयोजन किया गया। रावण के इस पुतले को बनाने में करीब 25 क्विंटल लोहा, 500 बांस के टुकड़े, 3000 मीटर लंबा मैट, 3500 मीटर कपड़ा लगा है। विशाल रावण के पुतले को क्रेनो की मदद से खड़ा किया। रावण का चेहरा बनाने के लिए लगभग 1 क्विंटल फाइबर का इस्तेमाल हुआ। इस पुतले को बनाने के लिए 25 कारीगरों को कुल 3 महीने का समय लगा।