प्रिंसिपल ने तोड़ा भरोसा
बच्ची की मां ने बताया कि गुरुवार को प्रिंसिपल गांव के पास से गुजर रहे थे और बच्ची के घरवाले प्रिंसिपल से अच्छी तरह से परिचित थे इसलिए उन्होंने बच्ची को उनके साथ स्कूल छोड़ने का अनुरोध किया। प्रिंसिपल ने बच्ची को कार में बैठाया और रास्ते में कुछ दूरी तय करने के बाद बच्ची का रेप करने की कोशिश की।
तलाश करने पर मिली लाश
घर वालों ने बताया की बच्ची काफी समय तक घर नहीं लौटी थी उसके बाद उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने उसकी तलाश शुरू की और उसे स्कूल की इमारत के पीछे के परिसर में बेहोशी की हालत में पड़ा पाया। वे बच्ची को लिमखेड़ा सिविल अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कैसे हुआ खुलासा?
प्रिंसिपल ने पूछताछ के दौरान ऐसे जताया जैसे कि उसे इस बारे में कुछ नहीं पता। हालांकि पुलिस को प्रिंसिपल पर ही इसलिए शक था क्योंकि आखिरी बार वह ही बच्ची से मिला था। पुलिस ने उसकी प्रिंसिपल के मोबाइल फ़ोन लोकेशन का पता लगाया और उसके फोन में Google टाइमलाइन से उसका मिलान किया।
प्रिंसिपल ने उगला पूरा सच
पुलिस की सख्ती से पूछताछ के बाद प्रिंसिपल ने बच्ची की मर्डर का खुलासा किया। प्रिंसिपल ने बताया कि 19 सितंबर की सुबह स्कूल के रास्ते उसने छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। छात्रा ने विरोध किया और वह चिल्लाने लगी। प्रिसिंपल ने अपनी छवि खराब होने को लेकर डरने लगा इसलिए उसका गला और नाक दबाकर दम घोंट दिया। गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसने उसका शव स्कूल परिसर में खड़ी अपनी कार में ही कई घंटे तक छोड़ दिया। इसके बाद उसने स्कूल खुलने का इंतज़ार किया। स्कूल से शाम 5 बजे तक सभी चले गए तो उसने लड़की का शव बाहर निकाला और स्कूल की बिल्डिंग के पीछे फेंक दिया। उसने बच्ची का बैग और जूते उसकी क्लासरूम के बाहर छोड़ दिए।