हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान
मुर्मु ने ये बातें संविधान अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ विषय पर विशेष कार्यक्रम में कही। मुर्मु ने कहा कि हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की सुदृढ़ आधारशिला है। हमारा संविधान हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत गरिमा सुनिश्चित करता है। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंच साझा किया। कार्यक्रम में मंत्री और विभिन्न दलों के सांसद मौजूद रहे।
सद्भाव बढ़ाना नागरिकों का मौलिक कर्तव्य
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता की रक्षा, समाज में सद्भाव को बढ़ावा देना, महिलाओं की गरिमा सुनिश्चित करना, पर्यावरण की रक्षा करना, वैज्ञानिक समझ विकसित करना, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा और राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
धनखड़ संसदीय विमर्श के गिरते स्तर से चिंतित
संविधान दिवस के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसदीय विमर्श में शिष्टाचार और अनुशासन के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें अपनी संविधान सभा की शानदार कार्यप्रणाली को दोहराकर इसका समाधान करना चाहिए। रणनीति के रूप में अशांति पैदा करना लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए खतरा है।
संविधान ही पथ प्रदर्शकः मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि संविधान हमारा पथ प्रदर्शक है। उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद के भाषण का जिक्र किया। राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि भारत को सिर्फ 50 ऐसे लोगों की जरूरत है जो ईमानदारी से देश के हित को सर्वोपरि रखे। नेशन फर्स्ट की यह भावना आने वाले दिनों में भारतीय संविधान को जीवंत रखेगी। मैंने भी संवैधानिक गरिमा का पालन करने का प्रयास किया है।