खुफिया सूचना के बाद तलाशी अभियान के दौरान जब एक ट्रक ड्राइवर को रोका गया तो उसके पास से 30 सोने के बिस्कुट बरामद हुए। सोने का बिस्कुट ड्राइवर के कैबिन के अंदर एक सीट के नीचे कई थैलियों में छिपाकर रखा गया था। ऐ कर ड्राइवर उज्ज्वल में पूछताछ में बताया कि उसको मोनू शेख़ नाम के बांग्लादेशी युवक ने सोने का बिस्कुट तस्करी करने के लिए दिया था। मोनू शेख़ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कार्गो गेट के पास ये गोल्ड बिस्किट काम पूरा होने पर 10,000 रुपया का इनाम देने के वादे के साथ ट्रक ड्राइवर उज्ज्वल को दिए थे।
दूसरी कार्रवाई इंटिग्रेटेड चैक पोस्ट (ICP) पेट्रापॉल पर की गई। यहाँ तलाशी के दौरान एक महिला यात्री को जब पूछताछ के लिए ले जाया गया और उसकी सघन तलाशी ली गई तो उसके पास से 4 सोने के बिस्किट बरामद हुए। महिला तस्कर ने अपने शरीर के अंदर गुप्त हिस्से में सोने के बिस्कुट को छिपाकर रखा था। पूछताछ में है दिलरुबा नाम की महिला तस्कर ने बताया कि वो इलाज के लिए पश्चिम बंगाल आयी थी। जब वो बांग्लादेश से चली तो उसके जानकार ने 10, हज़ार रुपये के एवज़ में सोने के बिस्कुट को पश्चिम बंगाल पहुँचाने को कहा था।
इसके अलावा हरीदरपुर सीमावर्ती आउटपोस्ट से 2 तस्करों को सोने के बिस्किट के साथ गिरफ़्तार किया गया। इन तस्करों के पास से भी 18 सोने के बिस्कुट बरामद किए गए। ये दोनों तस्कर अंतरराष्ट्रीय सीमा से सोने के बिस्कुट का पैकेट लेकर इसे कोलकाता में किसी व्यक्ति को देने जा रहे थे। ये दोनों तस्कर बस में सवार होकर कोलकाता जा रहे थे इसी बीच आइटीआइ मारदा के पास पकड़ लिया गया।
चारों तस्करों से पकड़े गये गोल्ड बिस्किट का वज़न 5839.48 ग्राम है जबकि इसकी क़ीमत (चार करोड़ तीस लाख छियासठ हज़ार एक सौ पैंसठ रुपया) 4,30,66,165 ₹ है।
चारों तस्करों की पहचान कर ली गई है। सोने का बिस्कुट ले जाने वाला ट्रक ड्राइवर उज्जवल मंडल है। से पोल्टा गाँव का रहने वाला है। जबकि तापस रॉय और अभिजीत साहा धाकपडा और राम नगर के कोरबा गाँव के रहने वाले हैं। ये सभी इलाक़े पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के अंतर्गत आते हैं।