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Flood: देश की इन नदियों के Dams से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, बाढ़ का खतरा! जानें 1 cusec में कितना होता है पानी

Flood: देश की प्रमुख नदियों में बांध से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी बिहार और अन्य राज्यों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना रहा है। भारी बारिश के चलते बांधों और जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है।

पटनाSep 30, 2024 / 02:34 pm

Shaitan Prajapat

Flood: देश की प्रमुख नदियों में बांध से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी बिहार और अन्य राज्यों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना रहा है। भारी बारिश के चलते बांधों और जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे इन नदियों में पानी छोड़ा गया। इसने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिससे आसपास के इलाके डूब रहे हैं और बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। बिहार में इस समय बाढ़ की स्थिति अत्यधिक गंभीर है। कोसी, गंगा, गंडक और कमला जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल और सहरसा सहित कई जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन इलाकों में हजारों घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया 4 लाख 74 हजार क्यूसेक पानी

पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को 4,74,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। इस पानी ने दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी भर दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। इसके चलते प्रशासन ने सभी 36 फाटकों को खोल दिया है, ताकि अतिरिक्त पानी को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन इसका असर बाढ़ग्रस्त इलाकों पर और भी अधिक हो रहा है।

कोसी बराज से छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानी

कोसी बराज से शनिवार रात 10 बजे तक 6,01,600 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की खबर ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। यह 1968 के बाद पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में एक दिन में पानी छोड़ा गया है। 1968 में 5 अक्टूबर को 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो उस समय भी भारी तबाही का कारण बना था।

वीरपुर बैराज से छोड़ा गया 59,715 क्यूसेक पानी

वीरपुर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद, बिहार के राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। रविवार सुबह नेपाल में हुई भारी बारिश के कारण वीरपुर से 59,715 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है।
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माही बजाज सागर से 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा

राजस्थान के सबसे बड़े (लंबाई में) बांध, माही बजाज सागर के 8 गेट खोलकर 35,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बांसवाड़ा जिले के इस महत्वपूर्ण बांध में पानी का स्तर बढ़ने के कारण यह निर्णय लिया गया। एईएन पीयूष पाटीदार के अनुसार, बांध के 8 गेटों को 1-1 मीटर तक खोला गया है।

पार्वती बांध से छोड़ा गया 17060 क्यूसेक पानी

राजस्थान के धौलपुर जिले के सबसे बड़े पार्वती बांध की झोली अब पूरी तरह से पानी से भर चुकी है। करौली और जिले के डांग क्षेत्र से पानी की अधिक आवक के कारण सिंचाई विभाग ने पार्वती बांध के 10 गेट खोलकर 17,060 क्यूसेक पानी पार्वती नदी में रिलीज किया है।
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बीसलपुर से बनास नदी में छोड़ा गया 1503 क्यूसेक पानी

बीसलपुर बांध में पानी की आवक बढ़ने के कारण शुक्रवार को एक बार फिर बांध से पानी की मात्रा बढ़ा दी गई है। बांध के एकमात्र गेट नंबर 9 को 25 सेंटीमीटर बढ़ाकर अब 1503 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे पहले, इस गेट को 20 सेंटीमीटर खोलकर प्रति सेकंड 1202 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।

बाणसागर बांध से छोड़ा गया 4 हजार क्यूसेक पानी

मध्यप्रदेश के शहडोल जनपद की सोन नदी पर बने बाणसागर बांध में पानी भरने की वर्तमान क्षमता 5415.31 एमसीएम है और 99.73 प्रतिशत जल भराव हो गया है। जल भराव क्षेत्र में वर्षा एवं गवर्निंग लेवल को देखते हुए बांध से लगभग चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाणसागर के फाटक खुलने से मध्य प्रदेश के रीवा, सीधी एवं सिंगरौली के साथ ही उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और बिहार के पटना समेत कई जनपदों में सतर्कता बढ़ाते हुए जलस्तर गया।

दामोदर में छोड़ा गया 3.39 लाख क्यूसेक पानी

झारखंड के पांच प्रमुख बांधों- तेनुघाट, मैथन, पंचेत, पतरातू और गरगा से नदियों में 3.39 लाख (3,39,000) क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) से अधिक पानी छोड़ा गया। यह सभी बांधों से छोड़े गए 61,000 क्यूसेक से लगभग छह गुना अधिक है।

नर्मदा नदी में 3.95 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा

सरदार सरोवर बांध से नर्मदा नदी में करीब 400,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद अधिकारियों ने भरूच शहर के निचले इलाकों से 280 लोगों को हटाया। सरदार सरोवर बांध में जलस्तर 135.20 मीटर तक पहुंच गया, जो इसकी अधिकतम क्षमता 138.68 मीटर से सिर्फ 3.48 मीटर कम है।

डीवीसी से छोड़ा गया 3 लाख क्यूसेक पानी

दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने अपने पंचेत और मैथन बांधों से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है। इससे पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति और खराब हो गई। भारी बारिश के कारण बीरभूम, बांकुरा, हावड़ा, हुगली, पूर्बा बर्धमान और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बन गई।

नारायणघाट से छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानी

नेपाल के नारायणघाट से छोड़े गए 6,10,000 क्यूसेक पानी ने बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है। इस जल प्रवाह के कारण पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे 200 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन प्रभावित गांवों में कई घर डूब चुके हैं, फसलें नष्ट हो गई हैं, और लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बिहार में अब तक टूट चुके हैं सात तटबंध

बिहार में इस बार की बाढ़ स्थिति अत्यधिक गंभीर होती जा रही है, क्योंकि अब तक सात तटबंध टूट चुके हैं, जिसके कारण कई सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। सीतामढ़ी, दरभंगा, शिवहर, और बगहा जैसे जिलों में तटबंधों के टूटने से स्थिति और बिगड़ गई है।

जानिए 1 क्यूसेक में कितना होता है पानी

1 क्यूसेक (Cusec) पानी की माप की एक इकाई है, जिसका इस्तेमाल जल प्रवाह को मापने के लिए किया जाता है। “क्यूसेक” का मतलब होता है “क्यूबिक फीट प्रति सेकंड” (Cubic feet per second – CFS)। एक क्यूसेक पानी का मतलब है कि 1 सेकंड में 1 घनफुट (Cubic Foot) पानी का प्रवाह हो रहा है।
1 क्यूसेक = 1 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड
अब इसे समझने के लिए
1 क्यूबिक फीट = 28.3168466 लीटर
इस हिसाब से, 1 क्यूसेक = 28.3168466 लीटर प्रति सेकंड होता है।
यानि, अगर 1 क्यूसेक पानी बहता है, तो हर सेकंड में लगभग 28.32 लीटर पानी बहता है।

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