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Employment: भारत को 2030 तक हर साल पैदा करनी होंगी 1.65 करोड़ नौकरियां

Employment : भारत में जिस तेजी से युवा वर्क फोर्स में शामिल हो रहे हैं, उसको देखते हुए भारत को 2030 तक 11.5 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों की जरूरत होगी।

नई दिल्लीMay 22, 2024 / 08:44 am

Shaitan Prajapat

Employment : भारत में जिस तेजी से युवा वर्क फोर्स में शामिल हो रहे हैं, उसको देखते हुए भारत को 2030 तक 11.5 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों की जरूरत होगी। नेटिक्सि एसए के अर्थशास्त्री ट्रिन गुयेन के ताजा अध्ययन के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को अगले 7 सालों तक हर साल 1.65 करोड़ नौकरियां पैदा करने की जरूरत होगी। जबकि पिछले दशक में सालाना 1.24 करोड़ नौकरियां ही पैदा हो सकी थीं। गुयेन का कहना है कि इसमें से करीब 1.04 करोड़ नौकरियां संगठित सेक्टर में पैदा करनी होंगी। स्टडी में यह भी कहा गया है कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में तेजी को बरकरार रखने के लिए सर्विसेज से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक सभी सेक्टर्स को नई रफ्तार से बढ़ावा देना होगा।

7 फीसदी की ग्रोथ रेट भारत के लिए काफी नहीं

गुयेन का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 7 प्रतिशत से अधिक तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जो दुनिया में सबसे तेज अवश्य है, पर यह रफ्तार इतनी तेज नहीं है कि इसके 140 करोड़ लोगों के लिए नौकरियां पैदा की जा सकें। गुयेन के अनुसार, पिछले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में 11.2 करोड़ नौकरियां पैदा होने के बावजूद, केवल 10 प्रतिशत नौकरियां ही संगठित सेक्टर में हैं। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, देश की कुल वर्क फोर्स की भागीदारी दर मात्र 58 प्रतिशत है, जो अपने एशियाई समकक्षों की तुलना में बहुत कम है।

मैन्युफैक्चरिंग को देना होगा बढ़ावा

गुयेन के अनुसार, जीडीपी में आधे से ज्यादा का योगदान देने वाला भारत के सर्विस सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या और काम की गुणवत्ता के मामले में बहुत सीमित गुंजाइश है। इसका मतलब है कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करना होगा। साथ ही भारत को चीन-केंद्रित सप्लाई चेन से बाहर विकल्प तलाशते देशों और कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित करना होगा।

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