नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि भूकंप तीव्रता कम होने के कारण का प्रभाव कहीं नहीं दिखाई दिया। हालांकि किन्नोर भूकंप के अति संवेदनशील जोन में आता है। यही वजह है कि यहां एक के बाद एक भूकंप आते रहते हैं। सिस्मोलॉजी ने इसे पांचवे जोन में रखा हुआ है।
ऐसे आता है भूकंप
धरती के भीतर छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने से जो कंपन पैदा होता है उससे भूकंप आता है। इसके अलावा टकराने के कारण इनकी प्लेटस मुड़ जाती हैं और नीचे से ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
धरती के भीतर छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने से जो कंपन पैदा होता है उससे भूकंप आता है। इसके अलावा टकराने के कारण इनकी प्लेटस मुड़ जाती हैं और नीचे से ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।