आपको बता दें की ई-रिक्शा के लिए भी अन्य सभी वाहनों के लिए खास लाइसेंस की जरूरत होती है। बिना लाइसेंस के इसे चलाना पूरी तरह गलत है और परिवहन विभाग की ओर से जुर्माना भी लगाया जाता है। अगर कोई बिना लाइसेंस के ई-रिक्शा चलता पाया जाता है तो उस पर चालान के साथ पूर्ण कानूनी कार्यवाही की जाती है।
बनाने का प्रोसेस
ई-रिक्शा का लाइसेंस बनाने का भी वही प्रोसेस है जो दूसरे वाहन बनाने का है। इसके लिए भी पहले आपका लर्निंग लाइसेंस बनता है उसके बाद लाइसेंस बनता है।
कार के लाइसेंस से अटेचमेंट
जिस तरह कार चलाने के लिए कार का लाइसेंस और ऑटो चलाने के लिए ऑटो का लाइसेंस चाहिए होता है, उसी तरह ई-रिक्शा का भी अलग लाइसेंस बनता है। ऑटो और कार के लाइसेंस पर ई-रिक्शा चलाना पूरी तरह गैर कानूनी है और इस पर भी परिवहन विभाग जुर्माना लगा सकता है। लेकिन ऐसा हो सकता है की कार के लाइसेंस को आप ई-रिक्शे के लाइसेंस में जुड़वा लें।
क्या है कानूनी नियम
कोई भी ई-रिक्शा चालक बिना लाइसेंस के ई-रिक्शा चलाता हुआ पाया जाता है तो ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है। 1000 से 5000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। नियमों के मुताबिक ई-रिक्शे का भी हर 2 साल पर फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है। ई-रिक्शा कोई नाबालिग चला रहा है तो उसे जब्त या सीज किया जा सकता है। इसके लिए स्पीड फिक्स राखी गई है जो की 25 किलोमीटर प्रति घंटा है।