1.विदर्भ
शामिल जिले: नागपुर, अमरावती, वर्धा, चंद्रपुर-मूल राज्य: महाराष्ट्र विदर्भ क्षेत्र महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसमें नागपुर, अमरावती, वर्धा, चंद्रपुर जैसे जिले शामिल हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अलग पहचान रखता है।
2.गोरखालैंड
शामिल जिले: दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, गोरखा हिल्स-मूल राज्य: पश्चिम बंगाल
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समस्या: गोरखालैंड का गठन पश्चिम बंगाल के क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है और राज्य में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है।
3.बोडोलैंड
शामिल जिले: नॉर्थ बार्पेटा, कोकराझार, चिरांग, बक्सा, उदालगुड़ी और धुबरी जिलों के कुछ हिस्सें-मूल राज्य: असम यह इलाका बोडो जाति की मुख्य आबादी का केंद्र है और यहां पर उनकी विशेष संस्कृति और परंपराएं मौजूद हैं। बोडो लोगों की मुख्य आजीविका खेती और वन्य जीवन से जुड़ी है, और इनका समाज देहात और सामाजिक युक्ति पर आधारित है।
-मांग का कारण: बोडो लोगों को अपने स्वतंत्र राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा और उनके विकास के लिए एक अलग प्रशासनिक इकाई की जरुरत है। वे मानते हैं कि एक अलग राज्य उनके स्थानीय समस्याओं को बेहतर ढंग से हल करने में मदद करेगा और उनके संसाधनों का उपयोग भी बेहतर तरीके से हो सकेगा।
– संभवित समस्याएं: बोडोलैंड के अलग होने से कुछ समस्याएं भी उठ सकती हैं। जैसे कि असम के विभाजन से संबंधित प्रशासनिक और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही, राजनीतिक और सामाजिक सम्बंधों में भी चुनौतियां आ सकती हैं।
4.सौराष्ट्र
शामिल जिले: राजकोट जिला, जामनग जिला, पोरबंदर जिला, अमरेली जिला, भावनगर जिला,गिर सोमनाथ जिला-मूल राज्य: गुजरात सौराष्ट्र क्षेत्र गुजरात राज्य में स्थित है और यहां के लोगों की संस्कृति और इतिहास बहुत ही गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। यहां की विशेषता यह है कि इस जगह के बारे में पौराणिक कथाओं में भी कहा गया है और यहां के मंदिर, जैन धर्मस्थल और ऐतिहासिक स्थल भी बहुत प्रमुख हैं।
5.भीलीस्थान (भील प्रदेश)
शामिल जिले: मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, जबलपुर, और बड़वानी; गुजरात के वडोदरा और दाहोद; राजस्थान के मेवाड़, मारवाड़, और अरावली क्षेत्र; और महाराष्ट्र के नांदुरबार, धुलिया, और नासिक-मूल राज्य: मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र
-मांग का कारण: भील समुदाय के लोगों की मुख्य मांग उनकी स्वतंत्रता है। उनका विचार है कि एक अलग राज्य उनकी स्थानीय विकास को गति देगा और उन्हें अपने स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की स्वतंत्रता मिलेगी। वे अपनी भाषा, संस्कृति और आर्थिक विकास के लिए अलग राज्य की दिशा में बढ़ना चाहते हैं।
-समस्याएं और संभावित परिणाम: भीलिस्तान की मांग से जुड़ी कई समस्याएं उठ सकती हैं। इसमें प्रशासनिक और राजनीतिक समस्याएं शामिल हैं, जैसे कि नए राज्य की स्थापना और उसके प्रबंधन की कठिनाई। साथ ही, अन्य समुदायों और राज्यों के साथ संघर्ष भी उत्पन्न हो सकता है। विभिन्न भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक असमानताओं को हल करना भी एक चुनौती हो सकती ह
6.पूर्वांचल
शामिल जिले: गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी-मूल राज्य: उत्तर प्रदेश पूर्वांचल उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा है, जिसमें वाराणसी, गोरखपुर, और आजमगढ़ जैसे जिले शामिल हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध है।
-मांग का कारण: यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है लेकिन विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। स्थानीय लोग मानते हैं कि एक अलग राज्य के रूप में, उनके विकास के मुद्दों को अधिक प्राथमिकता मिलेगी।
7.बुंदेलखंड
शामिल जिले: मध्य प्रदेश के छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़,पन्ना, सागर, दतिया, शिवपुरी; उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, सोनभद्र-मूल राज्य: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बुंदेलखंड क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला है, जिसमें झांसी, ललितपुर, चित्रकूट जैसे जिले शामिल हैं। यह क्षेत्र बुंदेला राजाओं के शासनकाल को दर्शाता है और अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है।
-मांग का कारण: यह क्षेत्र लंबे समय से सूखा, गरीबी, और विकास की कमी से ग्रस्त है। स्थानीय लोग मानते हैं कि एक अलग राज्य बनने से यहां के मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
-समस्या: अगर बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाया जाता है, तो यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की वर्तमान सीमाओं में बदलाव ला सकता है, जिससे प्रशासनिक और संसाधनों के वितरण में नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।
8.अवध प्रदेश
शामिल जिले: गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, और बस्ती-मूल राज्य: उत्तर प्रदेश अवध प्रदेश उत्तर प्रदेश के केंद्रीय हिस्से को कवर करेगा, जिसमें लखनऊ, फैजाबाद, और कानपुर जैसे शहर शामिल होंगे।
– मांग का कारण: अवध क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है और यहां की सांस्कृतिक धरोहर विशेष है। लोग मानते हैं कि एक अलग राज्य के रूप में वे अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बेहतर ढंग से संरक्षित कर सकते हैं।
9.पश्चिम प्रदेश ( हरित प्रदेश)
शामिल जिले: मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़ संभाग, बरेली संभाग-मूल राज्य: उत्तर प्रदेश