सीएम की कुर्सी पर क्यों नहीं बैठे केजरीवाल
इस दौरान आतिशी के बगल में एक खाली कुर्सी भी थी। जिस पर कभी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठते थे। आतिशी ने कहा, भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। अरविंद केजरीवाल ने 10 साल के शासन में राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की मिसाल कायम की है। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल की छवि को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दो साल से लगातार अरविंद केजरीवाल को बदनाम किया गया। उन पर झूठे केस लगाए गए। उन्हें गिरफ्तार किया गया। अरविंद केजरीवाल को छह महीनों के लिए जेल में रखा गया। जब वह जेल से छूटे तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकते थे। लेकिन, उन्होंने कुर्सी पर बैठना ठीक नहीं समझा।
यह कुर्सी केजरीवाल की है
केजरीवाल ने कहा था, अगर जनता उन्हें ईमानदार मानती है तो वह उन्हें चुनकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी। फरवरी 2025 में विधानसभा के चुनाव हैं। तब तक यह कुर्सी इस कमरे में ऐसे ही रहेगी और अरविंद केजरीवाल के आने का इंतजार करेगी। जब केजरीवाल जीत कर आएंगे तो वह इस कुर्सी पर बैठेंगे। यह कुर्सी केजरीवाल की है। मुझे विश्वास है कि उन्हें दिल्ली की जनता चुनेगी। बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से निकलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल को हाल ही में दिल्ली की कथित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।