दिल्ली शराब घोटाला नीति की सुनवाई कर रही पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय पर ही सवाल उठा दिया। पीठ के न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि आय की अपराध जब 100 करोड़ रुपए थे तो यह दो साल में 1100 करोड़ रुपए हो गई। दूसरी बात पूरी की पूरी आय को ही आप आपराधिक आय कैसे बता सकते हैं। सबसे प्रमुख बात यह है कि ईडी ने जांच में इतनी देरी क्यों लगाई?