सदन में राजद एमएलसी सुनील सिंह और मोहम्मद कारी सोहैब ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री की थी। सत्ताधारी सदस्यों ने मुख्यमंत्री को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया था और इस मामले को विधान परिषद की आचार समिति में ले गए थे। आरोप लगाया गया था कि यह सदन की मर्यादा के खिलाफ है और उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग रखी गई थी। आचार समिति ने इस मामले में एमएलसी सुनील सिंह को दोषी पाया। इसके बाद आचार समिति ने सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा कर दी। जबकि, सोहैब ने समिति के पास अपनी गलती मान ली थी।
एक दिन पहले गुरुवार को सुनील सिंह ने पत्रकारों के सवालों पर कहा था कि वह इस विषय पर अभी कुछ नहीं कहेंगे। एक व्यक्ति को हटाने के लिए सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया है। सुनील सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा प्रतिशोधी भी बताया था। बता दें कि सुनील सिंह को राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी माना जाता है।