‘रिजर्व बैंक उद्दंड’ उन्होंने पुस्तक में लिखा है, सरकार और आरबीआइ दोनों में रहने के कारण मैं कह सकता हूं कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के महत्व को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अंदर कम समझ और संवेदनशीलता है। उन्होंने कहा, ‘मुझे एक ऐसा अवसर याद है जब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे। वित्त सचिव अरविंद मायाराम और मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने अपने अनुमानों के साथ हमारे अनुमानों का विरोध किया, जो मुझे लगा कि बहुत ज्यादा था। उन्होंने कहा, मायाराम ने एक बैठक में यहां तक कह दिया कि दुनिया में हर जगह सरकारें और केंद्रीय बैंक आपस में सहयोग कर रहे हैं, यहां भारत में रिजर्व बैंक बहुत उद्दंड है। सुब्बाराव ने लिखा, चिदंबरम वकील की तरह अपने मामले में बहस करते थे, वहीं मुखर्जी अपना नजरिया जाहिर करने के बाद मामले में बहस करने का काम अपने अधिकारियों पर छोड़ देते थे।