1. किसी भी चुनाव में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग का वोट दोनों पार्टी कांग्रेस और भाजपा में बंटा हुआ है। ऐसे में कांग्रेस जातीय समीकरण बैठाने में चूक गई और इसे भी हार का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
2. वहीं कुछ राजनीतिक विशेषज्ञयों का कहना है कि चुनाव में सरकार और संगठन दोनों की अहम भूमिका रहती है। कई पार्टी नेता नाराज थे, जिसका प्रभाव चुनाव को साधने में पड़ा और कांग्रेस हार गई।
3. हार की तीसरी बड़ी वजह भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि चुनाव से ठीक पहले महादेव ऐप घोटाले में सीएम बघेला का नाम सामने आया था, जो उनकी और पार्टी की छवि पर गहरा प्रभाव छोड़ गया। जिसे हार की बड़ी वजहों में से एक माना जा रहा है।
4. हार की चौथी वजह से विकास से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम बघेल की नेतृत्व वाली सरकार शहरी विकास कार्य और किसानों को खुश करने में असलफ रही।
5. इसी कड़ी में महिलाओं का मुद्दा कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बना।बता दें कि भाजपा की महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 12,000 रुपये सालाना की आर्थिक सहायता और रानी दुर्गावती योजना के तहत BPL बालिकाओं के जन्म पर 1,50,000 का आश्वासन प्रमाण पत्र देने का वादा किया है।
6. भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में पीएम फेस को ट्रम कार्ड की तरह खेला था, जो सही साबित हुआ। जबकि कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ी थी।
7. इसके अलावा भाजपा ने चुनाव में धार्मिक मुद्दों को बड़े जोर शोर से उठाया था। बता दें कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की साजा विधानसभा सीट से एक गैर राजनीतिक व्यक्ति ईश्वर साहू को मैदान में उतारा था। बता दें कि ईश्वर साहू के बेटे 22 वर्षीय भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी, इसके बाद ये मामला धार्मिक विवाद में बदल गया था।