चांद की सतह से लाएंगे मिट्टी
चंद्रयान-4 का खास मकसद चांद की सतह की मिट्टी धरती पर लाना है। मिशन 2028 तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। नीलेश देसाई का कहना है कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने शिवशक्ति पॉइंट पर लैंडिंग के बाद चांद की सतह पर पानी समेत कई महत्त्वपूर्ण सामग्री की खोज की थी। चंद्रयान-4 की वहीं लैंडिंग से खोज को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।14 दिन का मिशन
देसाई के मुताबिक चंद्रयान-4 मिशन एक चंद्र दिवस के बराबर होगा। चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। वहां रातें बेहद सर्द होती हैं। इस दौरान तापमान -200 डिग्री तक गिर जाने से उपकरणों के खराब होने या जमने की आशंका रहती है। इसीलिए एक चंद्र दिवस के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम दोबारा सक्रिय नहीं हुआ था।…तो दुनिया का चौथा देश बन जाएगा भारत
चंद्रयान-4 बेहद जटिल मिशन है। इसके तहत कई प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यान मॉड्यूल शामिल होंगे। अगर इसरो चांद के नमूने एकत्र कर उन्हें वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर लाने में सफल रहता है तो अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। यह भी पढ़ें
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