आंकड़ों के मुताबिक भारत की टॉप 1062 लिस्टेड कंपनियों को 2023 में कर्मचारियों की ओर से स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित 2.20 लाख से अधिक शिकायतें मिलीं। इसके अलावा करीब 75 हजार शिकायतें ओवर वर्किंग (काम की अधिकता) की थी। ये शिकायतें कुछ ही कंपनियों में मिलीं। 920 कंपनियों का कहना था कि उन्हें काम करने की स्थिति को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली। कंपनियों का दावा है कि उन्होंने सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया। कंपनियों में सुरक्षा से जुड़ी ज्यादातर शिकायतें महिलाओं की होती हैं। हालांकि अधिकतर मामलों में महिलाएं शिकायत दर्ज नहीं करातीं।
शिकायत न हो, यह असंभव
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रोफेसर बिनो पॉल बताते हैं कि कर्मचारियों की ओर से शिकायतें न उठाना गंभीर चिंता का विषय है। यह असंभव है कि कोई शिकायत न हो। प्रो. पॉल ने कहा कि अधिक लाभ कमाने के लिए कंपनी और कार्मिक प्रबंधन के बीच संबंध बन गया है। ऐसे में कर्मचारी की स्वायत्ता कम होती जा रही है।इसलिए दर्ज नहीं करते
रोजगार और श्रम कानून विशेषज्ञ विक्रम श्रॉफ बताते हैं कि कंपनियों को हेल्थ और सेफ्टी से जुड़े कई कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है। कुछ मामलों में स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर एक समिति गठित करने की भी जरूरत होती है। हालांकि कोविड के अनुभव को देखते हुए कई कंपनियां वर्कप्लेस पर बेहतर माहौल मुहैया करा रही हैं। कई कंपनियां समय-समय पर सर्वे आदि के जरिए कर्मचारियों की परेशानियों को जानती रहती हैं और उनका समाधान करती हैं। इसने शिकायतों को कम या खत्म कर दिया है।इसलिए चर्चा
- पुणे में अन्र्सट एंड यंग (ईवाई) इंडिया की 26 वर्षीय महिला कर्मी अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत हो गई। आरोप है कि एना की मौत काम के अत्यधिक दबाव के कारण हृदयाघात से हुई।
- चेन्नई में अधिक काम के दबाव में सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्तिकेयन (38) ने आत्महत्या कर ली।
- लखनऊ में एचडीएफसी बैंक की महिला अधिकारी सदफ फातिमा (45) कुर्सी से गिर पड़ीं और उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई है। कर्मचारियों के मुताबिक वह भारी दबाव में काम कर रही थीं।