सेना के 7 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडर दीपक मोहन ने कहा कि दोनों आतंकवादियों का मारा जाना सुरक्षा बलों के लिये “एक बड़ी कामयाबी” है। ब्रिगेडियर दीपक मोहन ने हादीपोरा ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि “ये दोनों लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। उस्मान 2020 से घाटी में सक्रिय था।” सेना अधिकारी के साथ उत्तरी कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक विवेक गुप्ता और सोपोर के पुलिस अधीक्षक भी थे।
सेना अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।सेना के 7 सेक्टर आरआर के कमांडर ने कहा, “ उनकी हत्या सुरक्षा बलों के लिये एक बड़ी सफलता है।” उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से सुरक्षा बलों ने उच्च परिचालन गति बनी हुई है। इसके परिणामस्वरूप कई सफलताएं मिली हैं।
ब्रिगेडियर दीपक मोहन ने कहा कि रफियाबाद में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पिछले कुछ दिनों से लगातार इनपुट मिल रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 19 जून को राफियाबाद के हादीपोरा गांव में एक घर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने एक संयुक्त आतंकवादी अभियान शुरू किया। कुछ ही समय में इलाके की घेराबंदी कर दी गयी। प्रक्रिया के अनुसार, हमने आस-पास के घरों से नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला। जैसे ही लक्षित घर के चारों ओर घेरा कड़ा किया गया, आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया।