बीजेपी सांसद रमा देवी ने मीडिया से बातचीत में बताया, ‘सोनिया गांधी मेरे पास आईं और कहा कि इसमें मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है? इसपर स्मृति ईरानी ने जब कहा कि उन्होंने उनका नाम लिया है तो वो भड़क गईं।’
रमा देवी ने आगे बताया कि, “जब स्मृति ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि एक राष्ट्रपति को इस तरह की बात आपके नेता ने कहा, आप उससे पूछिए न जिसे आपने अपना नेता चुना है। इसपर सोनिया गांधी ने कहा कि मैं आपसे बात नहीं कर रही तब स्मृति ईरानी ने कहा कि आप आईं है रमा जी से पूछने, तो मैं क्यों नहीं बोलूँगी और फिर दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई।’
रमा देवी ने आगे बताया कि, “जब स्मृति ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि एक राष्ट्रपति को इस तरह की बात आपके नेता ने कहा, आप उससे पूछिए न जिसे आपने अपना नेता चुना है। इसपर सोनिया गांधी ने कहा कि मैं आपसे बात नहीं कर रही तब स्मृति ईरानी ने कहा कि आप आईं है रमा जी से पूछने, तो मैं क्यों नहीं बोलूँगी और फिर दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई।’
रमा देवी ने आगे कहा कि ‘ये बात सोनिया गांधी ने गुस्से में कही थी जोकि उन्हें नहीं बोलनी चाहिए था। उन्हें अपने नेता से इस बारे में पूछना चाहिए था कि कैसे उन्होंने राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहा, वो भी एक बार नहीं दो बार कहा उसके बावजूद आप यहाँ पूछने आई हैं।’
रमा देवी ने ये भी कहा कि स्मृति ईरानी गुस्से में नहीं थी, लेकिन सोनिया गांधी गुस्से में थी जो सदन से बाहर जा रही थीं, लेकिन फिर वहाँ से लौट कर आई थीं। उन्होंने कहा कि ‘अधीर रंजन माफी मांग लेते तो बात खत्म हो जाती। सोनिया को तैश में आने की बजाय गलती माननी चाहिए और अपने नेता को काबू में करना चाहिए।’
रमा देवी ने ये भी कहा कि स्मृति ईरानी गुस्से में नहीं थी, लेकिन सोनिया गांधी गुस्से में थी जो सदन से बाहर जा रही थीं, लेकिन फिर वहाँ से लौट कर आई थीं। उन्होंने कहा कि ‘अधीर रंजन माफी मांग लेते तो बात खत्म हो जाती। सोनिया को तैश में आने की बजाय गलती माननी चाहिए और अपने नेता को काबू में करना चाहिए।’