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राष्ट्रीय

BJP विधायक ने कहा- रिपोर्ट के बावजूद साम्प्रदायिकता की आग से ‘जिरीबाम’ को नहीं बचा पाई सरकार

मणिपुर पुलिस ने कहा, “इसके अलावा, संदिग्ध कुकी सशस्त्र बदमाशों ने दो पुलिस पिकेट और बोरोबेक्रा वन बीट कार्यालय को भी जला दिया।”

नई दिल्लीJun 23, 2024 / 05:20 pm

Anish Shekhar

पिछले साल मणिपुर जल रहा था, लेकिन एक जिला जिरीबाम ऐसा भी था जो इस आग की चिंगारी से कोसो दूर रहा, जबकि यहां मैतेई और कुकी-ज़ो समूहों की मिश्रित जनसांख्यिा है, लेकिन 6 जून को यह तस्वीर बदल गई। जब 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह लापता हो गए और उसी दिन बाद में उनका क्षत-विक्षत शव मिला। हत्या के बाद, सशस्त्र बदमाशों ने कई घरों में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों समुदायों के लगभग 2,000 लोगों को जबरन विस्थापित होना पड़ा। मणिपुर पुलिस ने कहा, “इसके अलावा, संदिग्ध कुकी सशस्त्र बदमाशों ने दो पुलिस पिकेट और बोरोबेक्रा वन बीट कार्यालय को भी जला दिया।”
भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने राज्य सरकार की अग्रिम खुफिया रिपोर्टों के बावजूद जिरीबाम में हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए शीर्ष पुलिस और सुरक्षा कर्मियों पर आरोप लगाया। जिले में हिंसा शुरू होने के पांच दिन बाद, इमो सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा: “हमारे राज्य में खुफिया विंग का नेतृत्व शीर्ष पुलिस अधिकारी कर रहे हैं। राज्य सरकार को उन अधिकारियों के उदासीन रवैये के बारे में जांच शुरू करनी चाहिए, जिन्हें इस साल की शुरुआत में जिरीबाम की स्थिति के बारे में राज्य सरकार द्वारा अग्रिम खुफिया रिपोर्ट दी गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि इन अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों के जीवन और संपत्ति के नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और ऐसी जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ, उन्हें मुख्यमंत्री के अग्रिम काफिले के रूप में जा रहे राज्य पुलिस दल पर घात लगाकर किए गए हमले के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जो जिरीबाम की घटना से भी संबंधित है।”

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