इसके बाद से ही इस विषय पर काॅन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई है। इस विषय पर विपक्षी पार्टियों के नेता भी ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद के सदस्य शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए इस घटना को अपमान बताते हुए कहा है कि देश को यह बताया जाना चाहिए कि बीजेपी इस अपमान के बारे में क्या सोचती है।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी ट्वीट करते हुए यह पूछा कि क्या पार्टी के झंडे को भारतीय झंडे के ऊपर रखना नए भारत में सही है? समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने भी इस विषय पर ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा है।
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Kalyan Singh) ने जब फिर से बीजेपी ज्वाॅइन की थी तब उन्होंने कहा था कि “संघ और भाजपा के संस्कार मेरे रक्त की बूंद-बूंद में समाए हुए हैं। और इसलिए मेरी इच्छा है कि जीवनभर भाजपा में रहूं और जीवन का जब अंत होने का हो, तो मेरा शव भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाए।” ऐसा कह्ते हुए वो भावुक हो गए थे। ऐसे में कई लोग इसे कल्याण सिंह की अंतिम इच्छा का सम्मान बता रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि जेपी नड्डा ने कल्याण सिंह की अंतिम इच्छा पूरी की है। ऐसे में इसे तिरंगे झंडे के अपमान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
नीचे दिए गए ट्वीट में कल्याण सिंह का उनके बीजेपी के प्रति प्रेम को दर्शाने वाला भाषण देखा जा सकता है। ऐसा कह्ते हुए उनकी भावुकता साफ झलक रही है। राष्ट्रीय ध्वज संहिता
भारतीय ध्वज संहिता 2002 के भाग III की धारा IV के अनुसार किसी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा। किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय झंडे के बराबर भी नहीं रखा जाएगा। न ही कोई दूसरी वस्तु उस ध्वज दंड के ऊपर रखी जाएगी, जिस पर झंडा फहराया जाएगा। इन वस्तुओं में फूल अथवा मालाएं व प्रतीक भी शामिल है। ऐसे में कई लोग भारतीय झंडे के ऊपर बीजेपी के झंडे को रखना गलत बता रहे हैं।