bell-icon-header
राष्ट्रीय

Chandrayaan 3 ने कर दिया कमाल, प्रज्ञान ने खोजी ऐसी चीज जिसे देख हैरान रह गए दुनियाभर के वैज्ञानिक

Chandrayaan 3 Update: स्पेस जगत में भारत का रुतबा बढ़ता ही जा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन के कारण आए नए डेटा ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। चांद पर प्रज्ञान ने विभिन्न धातुओं और तत्वों की खोज की है। जिसमें एक महत्वपूर्ण चीज मिला जो आने वाले दिनों में बहुत काम आ सकता है।

Oct 14, 2023 / 09:33 am

Paritosh Shahi

Chandrayaan 3 Update: भारत का चंद्रयान 3 मिशन सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर चुका है। इस ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। ऐसा करके भारत के स्पेस एजेंसी इसरो ने इतिहास रच दिया। चंद्रयान 3 के वहां पहुंचने के 14 पृथ्वी दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने कई महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठे किए। जिसे देख दुनियाभर के वैज्ञानिक हैरान रह गए हैं। प्रज्ञान रोवर द्वारा भेजे गए डेटा से पता चला है कि इसकी मिट्टी में लोहा, टाइटेनियम, एल्युमिनियम और कैल्शियम के अलावा वैज्ञानिकों को हैरान करने वाला सल्फर भी मिला है। अमरीकी रिसर्च प्रोफेसर जेफरी गिलिस डेविस ने अपने एक लेख में दावा किया कि,”मेरे जैसे ग्रह वैज्ञानिकों को पता है कि चांद के चट्टानों और मिट्टी में सल्फर मौजूद है, लेकिन बहुत कम मात्रा में। इन नए डेटा से पता चलता है कि अनुमान से अधिक सल्फर सांद्रता हो सकती है।”

 

प्रज्ञान ऐसे करता है मिट्टी का विश्लेषण

चंद्रयान 3 के साथ गए प्रज्ञान रोवर के पास दो डिवाइस है जो मिट्टी का विश्लेषण करते हैं – पहला अल्फा कण एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और दूसरा लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोमीटर। इन दोनों डिवाइस ने लैंडिंग स्थल के पास की मिट्टी में सल्फर को खोजा है। पहले अनुमान था कि यहां बहुत कम मात्रा में सल्फर है, लेकिन प्रज्ञान ने जो डेटा दिया उसके बाद दुनियाभर के विज्ञानिकों की धारना बदली है।

कैसे हो सकता है इस्तेमाल

अमरीकी रिसर्च प्रोफेसर जेफरी ने अपने इसी लेख में लिखा कि लंबे समय से अंतरिक्ष एजेंसियां वहां अपना बुनियाद तैयार करना चाहती हैं।अब जो सल्फर वहां मिला है इसका इस्तेमाल एक संसाधन के तौर पर सौर सेल और बैटरी बनाने में किया जा सकता है। बता दें कि सल्फर आधारित उर्वरक और निर्माण के लिए कंक्रीट बनाते हैं। इससे बनाये गए कंक्रीट के कई फायदे हैं जैसे जहां नॉर्मल कंक्रीट ईंट को सूखने में हफ्ते या दस दिन का समय लगता है वहीं सल्फर वाली कंक्रीट कुछ ही घंटे में बेहद मजबूत हो जाती है। अब इसकी मदद से चांद पर बेस तो बन सकता है।

संबंधित विषय:

Hindi News / National News / Chandrayaan 3 ने कर दिया कमाल, प्रज्ञान ने खोजी ऐसी चीज जिसे देख हैरान रह गए दुनियाभर के वैज्ञानिक

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.