bell-icon-header
राष्ट्रीय

Badlapur Case: ‘बेटा पढ़ाओ-बेटी बचाओ’, बदलापुर रेप केस पर कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

Badlapur case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस एसआइटी को निर्देश दिए कि जल्दबाजी या जन दबाव में आए बिना पुख्ता और त्रुटिहीन केस तैयार कर चार्जशीट पेश करें।

मुंबईSep 04, 2024 / 02:43 pm

Shaitan Prajapat

Badlapur Case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस एसआइटी को निर्देश दिए कि जल्दबाजी या जन दबाव में आए बिना पुख्ता और त्रुटिहीन केस तैयार कर चार्जशीट पेश करें। इस बारे में अनावश्यक जल्दबाजी न की जाए। स्कूल शौचालय में चार साल की दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न के स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने यह निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि लड़कों को भी संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। जस्टिस डेरे ने कहा कि सरकार के नारे में यह बदलाव होना चाहिए ‘बेटे को पढ़ाओ, बेटी को बचाओ।’ कोर्ट ने ढंग से केस डायरी तैयार नहीं होने पर पुलिस एसआईटी को फटकार लगाई।

पीएफआई चीफ की जमानत अर्जी खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अध्यक्ष ओएमए सलाम को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (पीएमएलए) के मामले में अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। सलाम ने बेटी की मौत के कारण मानसिक स्वास्थ्य विकार से पीड़ित अपनी पत्नी से मिलने के लिए जमानत मांगी थी। विशेष अदालत में अर्जी खारिज होने पर उसने हाईकोर्ट में अपील की थी।
यह भी पढ़ें

Pension Update: ‘अगले महीने से बंद हो जाएगी पेंशन’, सरकार ने पेंशनर्स को चेताया, जारी किया ये नया अपडेट


यह भी पढ़ें

ITR Refund: आयकर रिटर्न भरने के बाद नहीं आया रिफंड, स्टेप बाय स्टेप जानें क्या है प्रोसेस


Hindi News / National News / Badlapur Case: ‘बेटा पढ़ाओ-बेटी बचाओ’, बदलापुर रेप केस पर कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.