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PM मोदी की जिस योजना पर केजरीवाल 6 साल रहे ‘गर्म’, उस पर आतिशी पड़ी ‘नरम’! जाने क्या है वजह

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री आतिशी उस योजना को दिल्ली में लागू करने पर विचार कर रही है, जिसे मुख्यमंत्री रहते हुए केजरीवाल ने कभी लागू नहीं होने दिया।

नई दिल्लीNov 30, 2024 / 09:37 am

Anish Shekhar

केंद्र की मोदी सरकार की आयुष्मान योजना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविन्द केजरीवाल ने पिछले 6 सालों से ब्रेक लगाए रखा, लेकिन अब वर्त्तमान मुख्यमंत्री आतिशी इसे राज्य की योजना के साथ क्लब कर लागू करने पर विचार कर रही है। दो हफ्ते पहले मुख्यमंत्री आतिशी, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें प्रस्तुत आंकड़ों से पता चला था कि अगर दिल्ली सरकार केंद्र की आयुष्मान भारत बीमा योजना को अपनाती है, तो उसके खर्च में काफी कटौती होगी।

योजना पर आतिशी पड़ी नरम

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसी बैठक में आप सरकार ने पहली बार केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस योजना के खिलाफ अपना रुख नरम किया था। गुरुवार को आतिशी ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे केंद्रीय योजना को अपनाने का तरीका खोजें और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि दिल्ली सरकार की अपनी सार्वभौमिक मुफ्त स्वास्थ्य सेवा योजना प्रभावित न हो। सूत्रों ने बताया कि इस बदलाव के पीछे एक और कारण हाल ही में आयुष्मान भारत योजना के तहत सार्वभौमिक कवरेज पाने वाले 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को शामिल करना है।

आयुष्मान भारत योजना को नहीं मिल रही थी मंजूरी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “स्वास्थ्य विभाग पिछले एक साल से आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन से संबंधित फाइलें मंत्री को भेज रहा है। लेकिन पिछले एक साल से इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।” अधिकारी ने कहा, “लेकिन हाल ही में हुई बैठक में विभाग ने अपनी योजनाओं पर खर्च के बारे में पिछले दो वर्षों का विस्तृत डेटा प्रस्तुत किया। पता चला कि राज्य की योजना के तहत निजी अस्पतालों में मुफ़्त में सर्जरी करवाने वाले लगभग 7,000 रोगियों में से केवल एक रोगी का अंतिम बिल 5 लाख रुपये से अधिक था। इसका मतलब है कि अगर सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को अपनाया होता, तो अधिकांश रोगी इसके अंतर्गत आते। इसके बाद सीएम ने विभाग को राज्य की मौजूदा योजनाओं को वापस लिए बिना इसे दिल्ली में लागू करने के तरीके तलाशने का निर्देश दिया।”

राजस्थान-छत्तीसगढ़ मॉडल

अधिकारी ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक टीम को पहले भी इस योजना के सफल क्रियान्वयन पर अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान भेजा गया था… उस समय कांग्रेस सत्ता में थी। अगर आयुष्मान भारत को लागू किया जाता है, तो इससे पैसे की बचत होगी, जिसे बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया जा सकता है… सरकार के पास इस योजना में लगभग 2,400 करोड़ रुपये नहीं हैं।”

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