तोड़फोड़ रोकने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआरसीपी ने शुक्रवार को नोटिस को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पार्टी के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि अदालत ने तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया और पार्टी के वकील ने सीआरडीए आयुक्त को इसकी जानकारी भी दी। सीआरडीए और एमटीएमसी के अनुसार, वाईएसआरसीपी का दफ्तर सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाया जा रहा था।
रेड्डी सरकार पर लगा है गंभीर आरोप आरोप है कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान जमीन को सस्ते में लीज पर लिया गया था। आरोप यह भी है कि सीआरडीए और एमटीएमसी से मंजूरी लिए बिना निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी के नेतृत्व वाली नई सरकार की कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू बदले की भावना से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए दफ्तर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। रेड्डी ने कहा कि नायडू यह संदेश दे रहे हैं कि उनका शासन अगले पांच साल कैसा रहने वाला है। हालांकि, वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि पार्टी इन धमकियों और राजनीतिक प्रतिशोध के आगे झुकेगी नहीं।